

कोर्ट के सामने रखे रिकॉर्ड से साफ है कि हिंदुओं को मारने और उनकी संपति को नुकसान पहुंचाने की आपराधिक साजिश रची गई थी,आरोपियों द्वारा घटना का सीसीटीवी फुटेज उपलब्ध न होने की दलील दी गई, लेकिन भीड़ ने सीसीटीवी को भी तोड़ डाला था. ऐसे में ये कोई ऐसी दलील नहीं है कि जिसके चलते जांच के दौरान आरोपियों के खिलाफ मिले दूसरे सबूतों को नजरअंदाज कर दिया जाए |
दिल्ली दंगों के दौरान IB अधिकारी अंकित शर्मा की हत्या के मामले में कड़कड़डूमा कोर्ट ने ताहिर हुसैन और 10 बाकी लोगों के खिलाफ आरोप तय किये है. कोर्ट ने इन सब के खिलाफ आइपीसी की धारा 147, 148, 153A, 302, 120B के तहत आरोप तय किए है. कोर्ट ने ताहिर हुसैन और बाकी के खिलाफ आरोप तय करने के फैसले में कहा कि ताहिर हुसैन के घर पर हथियारों और पेट्रोल बम से लैस भीड़ मौजूद थी.
जानकारी के लिए बता दें कि 23 फरवरी 2020 को नॉर्थ ईस्ट दिल्ली में दंगों की शुरुआत हुई थी, जो 53 लोगों की मौत के बाद 25 फरवरी को जाकर थमे थे. इन दंगों पब्लिक और प्राइवेट प्रॉपर्टी का काफी नुकसान हुआ था. नॉर्थ-ईस्ट दिल्ली जिले के जाफराबाद, सीलमपुर, भजनपुरा, ज्योति नगर, करावल नगर, खजूरी खास, गोकुलपुरी दयालपुर और न्यू उस्मानपुर समेत 11 पुलिस स्टेशन के इलाकों में 23 फरवरी के बाद दंगाइयों ने जमकर उत्पात मचाया था |