CBSE पेपर लीक मामले में 10 वाट्सऐप ग्रुप की पहचान, अब गूगल से मांगी गई मदद


सीबीएसई के 10वीं के गणित और 12वीं के अर्थशास्त्र के पेपर लीक मामले में जारी विरोध प्रदर्शनों के बीच दिल्ली पुलिस की एसआईटी ने 10 वाट्सऐप ग्रुप की पहचान की है। इनमें से हर ग्रुप में 50-60 सदस्य हैं। इसके अलावा इस मामले में शुक्रवार को 10 और लोगों से पूछताछ की गई। दूसरी तरफ, सीबीएसई अध्यक्ष को ई-मेल भेजकर लीक की सूचना देने वाले शख्स का पता लगाने के लिए गूगल की मदद मांगी गई है।

पुलिस की जांच में शुक्रवार को शामिल किए गए 10 लोगों सहित अब तक 35 लोगों से पूछताछ की जा चुकी है। इनमें 11 स्कूलों और सात कालेजों के फर्स्ट ईयर के स्टूडेंट और ट्यूटर एवं कोचिंग संचालक शामिल हैं। इनमें से 24 छात्रों पर विशेष नजर है जिन्हें लीक हुए पेपर मिले थे।

वाट्सऐप ग्रुप की जांच के सिलसिले में दिल्ली की एक महिला ट्यूटर संदेह के घेरे में है। यह ट्यूटर उस वाट्सऐप ग्रुप की एडमिन है जिस पर पर्चा लीक हुआ था।

पुलिस ने केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर के कुशक रोड स्थित आवास के बाहर धारा 144 लगा दी ताकि प्रदर्शनकारी वहां तक नहीं पहुंच सके। हालांकि मंत्री ने कांग्रेस और एबीवीपी के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की उन्हें हरसंभव कदम उठाने का आश्वासन दिया।

पेपर लीक की आंच झारखंड तक पहुंच गई है, जहां चतरा जिले में पुलिस ने छह छात्रों एवं एक कोचिंग संचालक को हिरासत में लिया है। इस संचालक को दिल्ली से वाट्सऐप पर गणित का पेपर मिला था। एसडीओ ज्ञान रंजन ने बताया कि चार छात्रों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जा चुकी है।

कांग्रेस अध्यक्ष, राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने परीक्षा के समय तनाव दूर करने में छात्रों की मदद के लिए एग्जाम वारियर्स नामक किताब लिखी थी। अब वे पेपर लीक होने के कारण छात्रों की जिंदगी बर्बाद होने के बाद के तनाव से बचने के उपाय बताने के लिए एग्जाम वारियर्स-2 लिखेंगे।

कांग्रेस नेता, कपिल सिब्बल के मुताबिक सीबीएसई से पहले एसएससी के पेपर भी लीक हुए थे। जो सरकार पेपर की सुरक्षा नहीं कर सकती है वह देश की हिफाजत क्या करेगी। अगर सरकार इसकी जिम्मेदारी नहीं लेगी तो कौन लेगा?

एमएनएस अध्यक्ष, राज ठाकरे के मुताबिक यह सरकार की विफलता है लेकिन इसे स्वीकार करने के बजाय छात्रों से दोबारा परीक्षा देने के लिए क्यों कहा जा रहा है। मैं देश भर के अभिभावकों से आग्रह करता हूं कि वे अपने बच्चों को दोबारा परीक्षा में बैठने से रोकें।