

पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव के दौरान बड़े पैमाने पर हिंसा हुई है। वोटिंग के लिए कड़े सुरक्षा इंतजामों के प्रशासन के तमाम दावों के बावजूद कई इलाकों में जमकर खूनी संघर्ष हुआ। चुनावी हिंसा में 11 लोगों के मौत की खबर है। गृह मंत्रालय ने हिंसाओं के संबंध में पश्चिम बंगाल सरकार से रिपोर्ट मांगी है। पंचायत चुनाव के दौरान हिंसा को लेकर सीपीआईएम के महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि ये कुछ नहीं है लेकिन लोकतंत्र का पूरा विनाश हो गयाहै। इलेक्शन कमीशन ने राजनीति प्रतिनिधियों को समय नहीं दिया। हम इसके खिलाफ प्रदर्शन करेंगे।
राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग
सीपीएम के वरिष्ठ नेता बिमान बोस ने कहा कि पूरा चुनाव एक उपद्रव में तब्दील हो गया क्योंकि किसी भी नियम-कानून का पालन नहीं किया गया। पुलिस सुरक्षा व्यवस्था को पूरी तरह मजबूत नहीं कर सकी। वहीं टीएमसी नेता पार्थ चटर्जी ने कहा कि ये एक छोटी घटना है। अभी कोई बड़ी हादसा नहीं हुआ है। सभी जगहों पर प्रशासन तैनात है। जहां जहां कार्यकर्ता भीड़े हैं। मैं पत्रकार पर हुए हमले की खुली निंदा करता हूं। केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ने मतदान के दौरान भारी हिंसा को देखते हुए पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी की सरकार ‘बेशर्म’ सरकार है. वो लोकतंत्र में यकीन नहीं रखती। पंचायत चुनाव के दौरान दुर्गापुर में सीपीएम और तृणमूल कार्यकर्ताओं के बीच जमकर हिंसा और झड़प हुई है। यह पूरी घटना कैमरे में कैद हुई है।