

अधिक मास या पुरुषोत्तम मास 16 मई से प्रारंभ हो चुका है और ये 13 जून तक रहेगा, इस मास को धर्म-कर्म का महीना कहा जाता है। इस महीने में जो जितना दान और पूजा-पाठ करता है उसे उतने ही ज्यादा पुण्य की प्राप्ति होती है। वहीं अगर ये दान तिथि अनुसार किया जाए तो इससे व्यक्ति की मनोकामनाआें की पूर्ति होती है। आइए जानते हैं अधिकमास में तिथि अनुसार क्या करें दान……………
प्रथमा :-
प्रथमा के दिन घी से भरा चांदी का पात्र दान करें, मानसिक शांति मिलेगी।
द्वितीया :-
द्वितीया के दिन कांसे के पात्र में रखकर सोना दान करें, कभी धन-धान्य की कमी नहीं होगी।
तृतीया :-
तृतीया के दिन चना दान करने से सुख की प्राप्ती होती है।
चतुर्थी :-
चतुर्थी को खारक का दान करने से लाभ होता है।
पंचमी :-
पंचमी को गुड़ का दान करने से मान-सम्मान में वृद्धि होती है।
षष्टी :-
षष्टी को औषधि का दान देने से विकार दूर होते हैं।
सप्तमी :-
सप्तमी को लाल चंदन के दान से बल और बुद्धि बढ़ती है।
अष्टमी :-
अष्टमी को रक्त चंदन दान करने से पराक्रम बढ़ता है।
नवमी :-
नवमी के दिन केसर का दान करें, भाग्योदय होगा।
दशमी :-
दशमी के दिन कस्तुरी का दान करें, मनोकामनाओं की पूर्ति होगी।
एकादशी :-
एकादशी को गोरोचन के दान से बुद्धि बढ़ती है।
द्वादशी :-
द्वादशी को शंख का दान करने से धन में वृद्धि होती है।
त्रयोदशी :-
त्रयोदशी को घंटी का दान करने से पारिवारिक सुख मिलता है।
चतुर्दशी :-
चतुर्दशी के दिन मोती दान करने से मनोविकार दूर होते हैं।
अमावस्या :-
अमावस्या के दिन आटा दान करें, इससे सभी प्रकार की परेशानियों से मुक्ति मिलेगी।
पूर्णिमा :-
पूर्णिमा को रत्न दान करने से अपार धन की प्राप्ती होती है।