

12 सितंबर को आईटी कंपनी में काम करने वाली इंजीनियर शुभाश्री रवि (23) की हादसे में मौत हो गई थी। उनके ऊपर अवैध तरीके से सड़क पर लगाया गया होर्डिंग गिर गया था। इस मामले में अन्नाद्रमुक नेता ने अजीब बयान दिया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, एक टीवी चैनल से बातचीत के दौरान अन्नाद्रमुक नेता सी पोन्नइयन ने कहा कि जिस व्यक्ति ने बिल बोर्ड लगाया, उस पर केस नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर किसी के खिलाफ केस होना चाहिए तो वह “हवा’ है।
इस मामले में पार्टी के सदस्य जयगोपाल के खिलाफ केस दर्ज किया गया था। हादसे के तीन हफ्ते बाद उसकी गिरफ्तारी की गई थी। होर्डिंग पर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ई पलानीसामी और पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता की तस्वीर थी। घटना के वक्त बैनर गिरने से शुभाश्री का संतुलन बिगड़ गया और वह पीछे से आ रहे पानी के टैंकर की चपेट में आ गई। उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया था।
अन्नाद्रमुक नेता से सवाल पूछा गया था- पार्टी की छवि पर क्या असर पड़ा
तमिल न्यूज चैनल न्यूज 7 के साथ बातचीत में पोन्नइयन से पूछा गया था कि युवा इंजीनियर की मौत से पार्टी की छवि पर क्या प्रभाव पड़ा है। इस सवाल के जवाब में पोन्नइयन ने कहा- जिस व्यक्ति ने होर्डिंग लगाई थी, उसने महिला इंजीनियर को मौत की तरफ नहीं ढकेला था। अगर कोई भी मामला दर्ज किया जाना है और अगर किसी के खिलाफ दर्ज किया जाना है तो वह “हवा’ है।
इस मामले में अन्नाद्रमुक की आलोचना करने वाले द्रमुक चीफ एमके स्टालिन के बयान का विरोध करते हुए पोन्नइयन ने कहा- इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में जाने दीजिए। न्यायाधीशों को फैसला करने दीजिए। करुणानिधि के समय से ही अनगिनत बैनर लगाए जा रहे हैं। बैनर भी संवाद का एक माध्यम होते हैं।
मद्रास हाईकोर्ट ने तल्ख टिप्पणी की थी, कहा था- सड़कें रंगने के लिए कितना खून चाहिए?
मद्रास हाईकोर्ट ने शुभाश्री राव के मामले में तल्ख टिप्पणी की थी। कोर्ट ने पूछा था- राज्य सरकार को सड़कों को रंगने के लिए कितने लीटर खून चाहिए? इस देश में नौकरशाहों के दयनीय रवैये के कारण जीवन के प्रति सम्मान शून्य है। हम इस सरकार में विश्वास खो चुके हैं। क्या अब मुख्यमंत्री इस प्रकार के अनाधिकृत बैनरों के प्रति कुछ बयान जारी करने के इच्छुक हैं।