भाजपा के हर हथकंडे फेल हो रहे है : गहलोत


हिंदुत्व की प्रयोगशाला कहे जाने वाले गुजरात में विधानसभा का चुनाव लंबे अरसे के बाद जातीय रंग में रंगता दिख रहा है। राज्य में बीते 22 वर्षों से राजनीतिक रूप से अप्रभावी दिखने वाली कांग्रेस पार्टी आज भाजपा की सबसे सफल जोड़ी पीएम नरेंद्र मोदी और अमित शाह को उनके ही गृह प्रदेश में उन्हें हर मामले में चुनौती पेश करती दिख रही है। यही नहीं सियासी गलियारे को रास न आने वाले कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी अब गुजरात की सधी रणनीति के बदौलत अब एक सफल नेता के रूप में नजर आने लगे हैं।  गुजरात में कांग्रेस पार्टी के इस बदले रुख का श्रेय प्रदेश प्रभारी एवं कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अशोक गहलोत की रणनीति को दिया जा रहा है। बतौर प्रभारी अपने अल्प काल में गहलोत ने प्रदेश कांग्रेस की गंदगी को साफ करते हुए हार्दिक, अल्पेश और जिग्नेश की तिकड़ी को साधकर भाजपा को उसके सबसे मजबूत किले में ही घेर दिया है। यही नहीं उनकी रणनीति के आगे भाजपा के हर हथकंडे फेल हो रहे हैं।

कांग्रेस पार्टी यहां गुजरात में चुनाव जीत रही है। अंडर करंट चल रहा है। हम जीत रहे हैं और बौखलाहट के वजह से पीएम मोदी और अमित शाह कांग्रेस पार्टी और उसके चुनाव पर सियासी अटैक कर रहे हैं। इतिहास में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ कि पीएम स्तर के व्यक्ति ने किसी पार्टी संगठन के चुनाव पर इस तरह का सियासी अटैक किया हो।

कांग्रेस संगठन के चुनाव पर पीएम मोदी ने ऐसे व्यक्ति का नाम लेकर अटैक किया है, जो कि उस चुनाव का वोटर नहीं है। पीएम मोदी के जरिये ऐसे नामों का सहारा लेकर राहुल पर अटैक दर्शाता है कि आप कितने घबरा गए हो, हार के डर से बौखला गए हो। वो (पीएम मोदी) क्या बोल रहे हैं, खुद को ज्ञान नहीं है। कांग्रेस के लोकतंत्र की बात कर रहे हैं अपनी नहीं। भाजपा में कैसा लोकतंत्र है सबको पता है। कौन पार्टी अध्यक्ष, कौन पीएम और कौन सीएम बनेगा यह सब आरएसएस तय करता है। और अब ये कांग्रेस की बात कर रहे हैं।

ये ऐसे हिप्पोक्रेट हैं जो कि गांधी जी को अपनाने लगे हैं। पटेल ने आरएसएस को बैन लगाया था, ये उनको अपना रहे हैं। मोदी और शाह इतने घमंड में चल रहे हैं कि इन्हें फर्क नहीं पता। नेहरू, पटेल अथवा मौलाना आज़ाद, गांधी जी के सानिध्य में इन सबके अलावा भी कांग्रेस के कई और महापुरुष हुए हैं। पहले जनसंघ, उसके बाद जनता पार्टी और अब भाजपा के रूप में इनकी इतनी दुर्गति हुई है कि अब वे कांग्रेस के महापुरुषों के नाम पर अपनी राजनीति कर रहे हैं। कांग्रेस पार्टी अपने सभी महापुरुषों का बराबर सम्मान करती है।