

ऐतिहासिक भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के तकरीबन सात साल बाद सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने केन्द्र में लोकपाल नियुक्त करने की अपनी मांग को लेकर आज से अनिश्चतकालीन भूख हड़ताल शुरू की।
वह रामलीला मैदान में भूख हड़ताल पर बैठे हैं जहां वह 2011 में भी बैठे थे। बहरहाल, उम्मीद की जा रही है कि इस बार उनके हमले के केन्द्र में मोदी सरकार होगी। हजारे कृषि पर स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करने के अलावा केन्द्र में लोकपाल और राज्यों में लोकायुक्तों की नियुक्ति की मांग पर जोर दे रहे हैं। हजारे कल रामलीला मैदान गये थे। आयोजकों ने दावा किया है कि प्रदर्शन के दौरान यहां हजारों लोग शामिल होंगे।
अन्ना को मिली अनशन की अनुमति : सुरक्षा पहलुओं को पर्याप्त जांच करने के बाद दिल्ली पुलिस ने अन्ना को रामलीला मैदान में भूखहड़ताल करने की अनुमति दे दी है। एक पुलिस अधिकारी के मुताबिक हमने सभी पहलुओं में सुरक्षा को जांच लिया है उसके बाद ही ये अनुमति दी गई है। इससे पहले सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने बीते 16 मार्च को कहा था कि उन्होंने 23 मार्च से दिल्ली की जेल में सत्याग्रह करने का ऐलान किया है, लेकिन प्रशासन ने उन्हें अब तक इसकी अनुमति नहीं दी। हजारे ने एक प्रेस वार्ता में कहा था कि मैंने प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और दिल्ली के पुलिस आयुक्त को चार महीने में 16 पत्र लिखे हैं। लेकिन मुझे अब तक कोई जवाब नहीं मिला है।
ये हैं अन्ना की मांगें :
अन्ना हजारे का कहना है कि सरकार के नियंत्रण में जो भी आयोग है जैसे कृषि मूल्य आयोग चुनाव आयोग नीति आयोग या इस तरह के अन्य आयोग से सरकार का नियंत्रण हटना चाहिए और उसे संवैधानिक दर्जा मिलना चाहिए। ऐसे किसान जिसके घर में किसान को कोई आय नहीं है उसे 60 साल बाद 5000 हजार रुपय पेंशन दो। संसद में किसान बिल को पास करो। क्योंकि हमारा संविधान सभी को जीने का अधिकार देता है. इस बार जो लड़ाई होगी वो आर-पार की होगी।
ट्रैफिक पर पड़ सकता है भारी असर :
अन्ना हजारे के रामलीला मैदान में जनसभा संबोधित करने से ट्रैफिक पर असर पड़ सकता है। दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने लोगों को अरुणा आसफ अली रोड, दिल्ली गेट, दरियागंज, नयी दिल्ली रेलवे स्टेशन, अजमेरी गेट, पहाड़गंज, आईटीओ, राजघाट, मिंटो रोड, विवेकानन्द मार्ग, जेएलएन मार्ग इत्यादि की ओर जाने से बचने को कहा है। बता दें कि इससे पहले साल 2011 में भ्रष्टाचार की जांच के लिए लोकपाल के गठन की मांग को लेकर अन्ना इसी मैदान में भूख हड़ताल पर बैठे थे। इस बार वो संभावित तौर पर नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधेंगे।