मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में कृषि क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण योजनाओं को मंजूरी
ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने और कृषि उत्पादन बढ़ाने के लिए मंगलवार को राज्य कृषि विकास कार्यक्रम (एसएडीपी) के तहत करीब 200 करोड़ रुपये की परियोजनाओं को स्वीकृति प्रदान की गई। यह निर्णय मुख्य सचिव एसपी गोयल की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय सेंक्शनिंग कमेटी (एसएलएससी) की बैठक में लिया गया। बैठक में कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं को हरी झंडी दी गई, जिससे कृषि क्षेत्र में सुधार और विकास की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है।
मुख्य सचिव एसपी गोयल ने बैठक में कहा कि इन परियोजनाओं के कार्यों को निर्धारित समय सीमा के भीतर पूरा किया जाए, ताकि किसानों को शीघ्र लाभ मिल सके।
स्वीकृत परियोजनाओं की विस्तृत जानकारी
बैठक में विभिन्न क्षेत्रों में 200 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं को स्वीकृति दी गई। इनमें प्रमुख रूप से कृषि और कृषि संबंधित बुनियादी ढांचे के निर्माण और विकास पर ध्यान केंद्रित किया गया है:
- कासगंज, बागपत, शामली और भदोही में उप कृषि निदेशक कार्यालय भवन और मृदा परीक्षण भवन के निर्माण के लिए 18.24 करोड़ रुपये की परियोजना स्वीकृत की गई है।
- किसान कल्याण केंद्रों की बिजली व्यवस्था और अन्य सुविधाओं के विकास के लिए 21.03 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं।
- राज्य कृषि प्रक्षेत्रों की 1729.42 हेक्टेयर ऊसर भूमि और 1274.68 हेक्टेयर अकृषि योग्य भूमि के विकास के लिए 17.40 करोड़ रुपये की परियोजनाएं स्वीकृत की गई हैं।
- झांसी और मीरजापुर में जल प्रबंधन और फसल पद्धतियों के विकास के लिए 39.08 करोड़ रुपये की परियोजनाएं स्वीकृत की गई हैं, जिसमें कुल मिलाकर 22,868 हेक्टेयर भूमि शामिल है।
- मऊरानी (झांसी) में स्थित भूमि संरक्षण प्रशिक्षण केंद्र में हॉस्टल निर्माण के लिए 5.34 करोड़ रुपये की परियोजना को मंजूरी दी गई है।
- नौ जैव उर्वरक उत्पादन प्रयोगशालाओं के आधुनिकीकरण के लिए 5.17 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गई है।
- प्रसार प्रशिक्षण और ब्यूरो परिसर-लखनऊ में स्टूडियो निर्माण के लिए 4.36 करोड़ रुपये की परियोजना को मंजूरी दी गई है।
पशुपालन, जैविक खेती और सहकारिता के लिए भी योजनाएं
- कृषि यंत्रीकरण और सोलर पंप मैकेनिक के प्रशिक्षण कार्यक्रमों के लिए 1.91 करोड़ रुपये की परियोजना स्वीकृत की गई है।
- पशुपालन विभाग के तहत बक्शी तालाब-लखनऊ में स्थित प्रशिक्षण केंद्र के उच्चीकरण के साथ-साथ निबलेट बाराबंकी प्रक्षेत्र में फार्म पोल्ट्री विकास के लिए 12.67 करोड़ रुपये की परियोजना मंजूर की गई है।
- उद्यान और खाद्य प्रसंस्करण विभाग के माध्यम से कसया-कुशीनगर में केला के पौध उत्पादन के लिए टिशू कल्चर लैब के निर्माण के लिए 36.15 करोड़ रुपये की परियोजना स्वीकृत की गई है।
- रेशम विभाग के तहत चार सामुदायिक रेशम कीटपालन केंद्रों और प्रक्षेत्रों की सुरक्षा के लिए 17.63 करोड़ रुपये की परियोजना मंजूर की गई है। इसके अतिरिक्त, सहकारिता विभाग द्वारा 12 गोदामों के निर्माण के लिए 5.90 करोड़ रुपये की परियोजना को मंजूरी दी गई है।
- प्राकृतिक खेती के उत्थान के लिए विभिन्न कृषि विश्वविद्यालयों और केंद्रों में आवासीय प्रशिक्षण केंद्रों के निर्माण के लिए 11.62 करोड़ रुपये की परियोजना स्वीकृत की गई है।
समीक्षा और आगे की योजनाएं
मुख्य सचिव ने इस मौके पर अधिकारियों से कहा कि इन परियोजनाओं का समयबद्ध तरीके से कार्यान्वयन किया जाए, ताकि किसानों को जल्द लाभ मिल सके। साथ ही, कृषि उत्पादन आयुक्त दीपक कुमार, प्रमुख सचिव पशुधन मुकेश कुमार मेश्राम और प्रमुख सचिव कृषि रविंद्र सहित अन्य अधिकारियों ने परियोजनाओं के सुचारू रूप से क्रियान्वयन की दिशा में सभी कदम उठाने का आश्वासन दिया।
यह योजना ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि के विकास और किसानों की स्थिति को सुधारने में अहम भूमिका निभाएगी, जिससे राज्य की कृषि अर्थव्यवस्था को नई गति मिल सकेगी।
मुख्य बिंदु:
- राज्य कृषि विकास कार्यक्रम के तहत 200 करोड़ रुपये की परियोजनाओं को मंजूरी दी गई।
- कृषि विभाग के लिए नए भवनों, जल प्रबंधन, जैव उर्वरक प्रयोगशालाओं और प्रशिक्षण केंद्रों के निर्माण की योजनाएं स्वीकृत।
- पशुपालन, रेशम उद्योग और सहकारिता के क्षेत्र में भी परियोजनाओं को मंजूरी।
- मुख्य सचिव एसपी गोयल ने समयबद्ध कार्यान्वयन पर जोर दिया।

