समाज और प्रशासन पर गंभीर सवाल खड़े करती दो आत्महत्याएं
हरियाणा पुलिस विभाग में पिछले कुछ दिनों में हुए घटनाक्रमों ने कई सवालों को जन्म दिया है। एएसआई संदीप लाठर की आत्महत्या और इससे जुड़ी घटनाओं ने पूरे राज्य को हिलाकर रख दिया है। संदीप लाठर ने आत्महत्या से पहले अपने वीडियो और सुसाइड नोट में कई आईएएस और आईपीएस अधिकारियों पर भ्रष्टाचार और प्रताड़ना के गंभीर आरोप लगाए हैं, जिनमें खासतौर पर आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार और उनकी आईएएस पत्नी अमनीत कुमार का नाम शामिल है। इसके साथ ही उन्होंने पूरन कुमार के पीएसओ सुशील को भी आरोपित किया है।
इस मामले की जड़ एक रिश्वत कांड में छिपी है, जिसके तार एएसआई लाठर की मौत से जुड़े हुए हैं। पुलिस विभाग में यह मामला तेजी से तूल पकड़ चुका है और जांच की दिशा अब बदल गई है। हरियाणा पुलिस और चंडीगढ़ पुलिस दोनों ही इस मामले में समानांतर जांच कर रहे हैं, जिससे स्थिति और भी जटिल हो गई है।
विवादित रिश्वत कांड और आत्महत्याओं की श्रृंखला
एएसआई संदीप लाठर के आत्महत्या से पहले के वीडियो में उन्होंने वाई पूरन कुमार के खिलाफ आरोप लगाए थे। उन्होंने दावा किया कि रिश्वत के ढाई लाख रुपये उनकी बेटी को दिए गए थे। छह अक्टूबर को रोहतक में संदीप लाठर ने ही वाई पूरन कुमार के पीएसओ सुशील को रंगे हाथों ढाई लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए पकड़ा था। इस पूरे मामले के उजागर होने के बाद, वाई पूरन कुमार ने आत्महत्या कर ली थी।
संदीप लाठर ने इस आत्महत्या को लेकर भी गंभीर आरोप लगाए और बताया कि उनकी मौत के लिए मुख्य रूप से पूरन कुमार जिम्मेदार थे। आत्महत्या से पहले के वीडियो और सुसाइड नोट में संदीप लाठर ने अमनीत कुमार पर भी भ्रष्टाचार के आरोप लगाए, जिससे मामले की गंभीरता और बढ़ गई।
दोतरफा जांच और आरोप-प्रत्यारोप की स्थिति
अब तक इस मामले की जांच में कई मोड़ आए हैं। चंडीगढ़ पुलिस ने वाई पूरन कुमार की आत्महत्या के मामले की जांच के लिए एक छह सदस्यीय एसआईटी गठित की है, जबकि एएसआई संदीप लाठर की आत्महत्या की जांच के लिए हरियाणा पुलिस ने भी अपनी एसआईटी गठित की है। अगर मामले में कोई हलचल नहीं आती, तो इस पूरे मामले की जांच सीबीआई को सौंपे जाने की संभावना है।
अब दोनों आत्महत्याओं के आरोप-प्रत्यारोप एक दूसरे से जुड़े हुए हैं, और इस स्थिति में सच्चाई को सामने लाना हरियाणा सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है।
राजनीतिक दबाव और माहौल का बदलाव
एएसआई संदीप लाठर की आत्महत्या के बाद, स्थिति में एक बड़ा बदलाव आया है। जहां पहले वाई पूरन कुमार की आत्महत्या को लेकर दलित प्रताड़ना का मुद्दा उठाया जा रहा था, वहीं अब एएसआई लाठर की आत्महत्या ने इस मुद्दे को और उलझा दिया है। जैसे ही लाठर का वीडियो और सुसाइड नोट वायरल हुआ, विभिन्न राजनैतिक दल और संगठन इस पर चुप्पी साधे हुए हैं।
वहीं, पुलिस विभाग में कई अधिकारी और कर्मचारी शत्रुजीत कपूर और नरेंद्र बिजारनिया के पक्ष में खड़े हो गए हैं, जिनका नाम लाठर ने अपने सुसाइड नोट में लिया था।
निष्कर्ष: न्याय की राह पर बड़ी चुनौती
दो आत्महत्याओं ने एक बड़े भ्रष्टाचार के मामले को उजागर किया है, लेकिन इन घटनाओं ने कई सवालों को जन्म भी दिया है। कौन सच्चा है और कौन झूठा—यह सवाल अब जांचकर्ताओं के सामने सबसे बड़ा चुनौती बन गया है। हालांकि, न्याय की राह पर ये घटनाएं हरियाणा सरकार और पुलिस विभाग के लिए एक बड़ी परीक्षा साबित होंगी।
इस मामले के खत्म होने तक राज्य और देशभर के लोग इस गुत्थी के समाधान का इंतजार करेंगे।
मुख्य बिंदु:
- एएसआई संदीप लाठर ने आत्महत्या से पहले आईएएस और आईपीएस अधिकारियों पर भ्रष्टाचार और प्रताड़ना के आरोप लगाए।
- वाई पूरन कुमार की आत्महत्या और संदीप लाठर की आत्महत्या दोनों ही रिश्वत कांड से जुड़ी हुई हैं।
- हरियाणा पुलिस और चंडीगढ़ पुलिस समानांतर जांच कर रही हैं।
- सुसाइड नोट और वीडियो में गंभीर आरोपों के बाद अधिकारी एक-दूसरे के समर्थन में खड़े हो गए हैं।
इस मामले में सच्चाई का सामने आना और आरोपियों के खिलाफ ठोस कदम उठाया जाना, हरियाणा सरकार और पुलिस विभाग के लिए एक बड़ी चुनौती है।

