

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि सत्तारूढ़ गठबंधन के खिलाफ विपक्षी पार्टियों के साथ आने से 2019 लोकसभा चुनाव में कोई असर नहीं पड़ेगा और विश्वास जताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर चुन कर आएंगे।
मोदी सरकार के चार वर्ष पूरे होने पर एक संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने कहा कि मतदाताओं के लिए प्रधानमंत्री मोदी और दूसरे पक्ष के एक अज्ञात चेहरे के बीच मुकाबला होगा।
उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के उस बयान पर भी प्रकाश डाला जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर उनकी पार्टी चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरती है, तो वह प्रधानमंत्री बन सकते हैं।
कर्नाटक विधानसभा चुनाव के बाद विपक्षी पार्टियों के एक साथ आने के संबंध में पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, “वे लोग 2014 में हमारे खिलाफ लड़े थे। वे संगठित थे। वे अपने क्षेत्रों के नेता थे।”
उन्होंने कहा, “अगर ममता बनर्जी और चंद्रबाबू नायडू एक मंच पर एक साथ आ जाते हैं, तो इससे बंगाल और आंध्रप्रदेश में क्या फर्क पड़ेगा। अगर सीताराम येचुरी और कुमारस्वामी एक साथ आ जाते हैं तो इससे बंगाल और कर्नाटक की राजनीति में क्या फर्क पड़ेगा? यह काम नहीं करेगा। वे सभी क्षेत्रीय पार्टी हैं और भाजपा के विरुद्ध लड़े थे।”
शाह ने कहा, “ममता, अखिलेश, मायावती, शरद पवार और राहुल गांधी..सभी हमारे विरुद्ध लड़े थे। वे अपने राज्यों में हमारे मुख्य विपक्षी थे। अन्य का वहां कोई मतलब नहीं था।”