महाकाल भैरव अष्टमी आज, महाकाल की पूजा-अर्चना कर पाए सभी मनोरथ


मार्गशीर्ष माह में कृष्ण पक्ष की अष्टमी को काल भैरवाष्टमी मनाई जाती है। महाकाल की पूजा सही समय और सही विधि से करके आप उन्हें प्रसन्न कर आर्शिवाद प्राप्त कर सकते हैं।
इसी दिन भगवान महादेव की विषेष पूजा-अर्चना कर आप अपनी मनोकामनाएं पूर्ण कर सकते हैं। इस दिन आप कालभैरव के मंदिर में जाकर उनकी प्रतिमा पर सिंदूर और तेल चढ़ाकर काल भैरव मंत्र का जाप करें। इस दिन 21 बिल्वपत्रों पर चंदन से ऊं नमः शिवाय लिखकर शिवलिंग पर चढ़ाने से भी सारी मनोरथ पूर्ण होती है। इस दिन काल भैरव को प्रिय वस्तुएं जैसे काले तिल, उड़द, नींबू, नारियल, अकौआ के पुष्प, कड़वा तेल, सुगंधित धूप, पुए, मदिरा और कड़वे तेल से बने पकवान दान कर सकते हैं। ऐसी मान्यता है कि कालभैरव की पूजा करने से सभी प्रकार के अनिष्ट का निवारण हो जाता है। व्यक्ति के जीवन में होने वाले रोग, शोक, दुखः, दरिद्रता से मुक्ति मिलती है, और जीवन सुखमय होता है। जो भी व्यक्ति आज के दिन श्रद्धाभाव से भैरवजी की पूजा करता है उसके सभी सकंट और शत्रु बाधा का भी निवारण होता है। इसके साथ ही अगर इस दिन भैरव जी के वाहन कुत्ते को गुड़ खिलाया जाए तो दसों दिशाओं में नकारात्मक प्रभावों समाप्त हो जाते है और पुत्र की भी प्राप्ति होती है।