

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घोषणा करते हुए कहा है कि पीएसी में 18 हजार जवानों की भर्ती की जाएगी। इससे पीएसी की और 74 कंपनियां सक्रिय हो जाएंगी। सीएम योगी रविवार को महानगर स्थित 35वीं वाहिनी पीएसी के मैदान में आयोजित पीएसी दिवस समारोह में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि वर्तमान में पीएसी की 33 वाहिनियों में कुल 273 कम्पनियां स्वीकृत हैं। इनमें से 199 कम्पनियां क्रियाशील हैं जबकि 74 कम्पनियां अक्रियाशील हैं। इन अक्रियाशील कम्पनियों को क्रियाशील किए जाने के लिए इन 18 हजार जवानों की भर्ती की जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) की एक वाहिनी के गठन के बाद उसकी प्रस्तावित 6 कम्पनियों में से पहले चरण में 3 कम्पनियां गठित की जा चुकी हैं। अगले चरण में शेष 3 कम्पनियां भी गठित की जाएंगी। पीएसी के गौरवशाली इतिहास की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि अपनी निष्ठा, निष्पक्षता, व्यावसायिक दक्षता, साहस एवं वीरता के जो मापदंड पीएसी ने स्थापित किए हैं वह किसी भी सशस्त्र बल के लिए आदर्श हैं।
पीएसी की महत्वपूर्ण भूमिका
मुख्यमंत्री ने कहा कि विभिन्न त्यौहारों व मेलों विशेष रूप से विश्व प्रसिद्ध प्रयाग के कुम्भ मेले को सकुशल संपन्न कराने के साथ-साथ अयोध्या, मथुरा व काशी सहित अन्य महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों, न्यायालयों एवं अतिविशिष्ट व्यक्तियों की सुरक्षा में भी पीएसी की महत्वपूर्ण भूमिका है। एटीएस एवं एसटीएफ जैसे पुलिस के महत्वपूर्ण संगठनों में भी पीएसी के ही कमाण्डो तैनात हैं। इसके अलावा सीआईएसएफ की तर्ज पर लखनऊ मेट्रो की सुरक्षा का कार्य भी पीएसी कर रही है। नोएडा मेट्रो की भी सुरक्षा पीएसी द्वारा ही की जानी है।
चंद्रहास कुशवाहा समेत कई सम्मानित : मुख्यमंत्री ने इस मौके पर लॉस एंजिल्स (अमेरिका) में आयोजित विश्व पुलिस एवं फायर गेम्स एथलेटिक्स प्रतियोगिता में स्वर्ण, रजत व कांस्य पदक जीतने वाले पीएसी के प्लाटून कमाण्डर चन्द्रहास कुशवाहा समेत कई जवानों को सम्मानित भी किया। चंद्रहास को 2.5 लाख रुपये का नकद पुरस्कार भी दिया गया। इससे पहले समारोह में मुख्यमंत्री को गार्ड आफ आनर दिया गया। उनके सामने विभिन्न बैंडों द्वारा प्रदर्शन करने के साथ-साथ कमाण्डोज़, कैमोफ्लाज, मलखम्ब व कुश्ती का प्रदर्शन भी किया गया। उन्होंने परिसर में आयोजित प्रदर्शनी का निरीक्षण भी किया। डीजीपी सुलखान सिंह व एडीजी पीएसी आरके विश्वकर्मा ने उन्हें स्मृति चिह्न भेंट किया।