

जयपुर, 7 मार्च। श्रम एवं नियोजन मंत्री डॉ. जसवंत सिंह यादव ने बुधवार को विधानसभा में बताया कि दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना के अंर्तगत वर्ष 2014-15 से मार्च, 2019 तक एक लाख पन्द्रह हजार आठ ग्रामीण युवाओं को कौशल प्रशिक्षण प्रदान करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। अब इस योजना की अवधि में मार्च, 2022 तक बढ़ा दी गई है।
डॉ. यादव ने प्रश्नकाल में विधायकों द्वारा पूछे गए पूरक प्रश्नों का जवाब देते हुए बताया कि वर्ष 2015 से राज्य सरकार द्वारा योजना के लिए थर्ड पार्टी इन्स्पेक्शन करवाया जाता है और सीएजी द्वारा भी हर साल ऑडिट करवाया जाता है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा इसके लिए कई तरह के सुधारात्मक कदम उठाए गए हैं। इनमें बायोमेट्रिक, जियोटैग और आधार आदि शामिल हैं।
उन्होंने विधायक श्री हरिसिंह रावत के मूल प्रश्न के उत्तर में बताया कि दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशय योजना ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार की गरीब ग्रामीण युवाओं के कौशल विकास एवं रोजगार प्राप्त करने के लिए योजना है।
डॉ. यादव ने बताया कि राज्य में इस योजना का क्रियान्वयन वर्ष 2014-15 से राजस्थान कौशल एवं आजीविका विकास निगम द्वारा किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि उक्त योजना में 31 जनवरी, 2018 तक 35 हजार 284 युवाओं को कौशल प्रशिक्षण उपलब्ध करवाया गया है तथा प्रशिक्षण प्राप्त इन 35 हजार 284 प्रशिक्षर्णाथियों में से 16 हजार 802 को रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाए गए हैं।
श्रम एवं नियोजन मंत्री ने बताया कि योजना की मार्गर्दशिका के अनुसार कौशल प्रशिक्षण केन्द्रों की स्थापना सूचीबद्ध प्रशिक्षण प्रदाता संस्थाओं द्वारा ग्राम पंचायत नगरपालिका पंचायत समिति, जिला मुख्यालय स्तर पर कहीं भी स्थापित किए जा सकते हैं।
उन्होंने बताया कि कौशल प्रशिक्षण केन्द्रों की स्थापना किसी भी क्षेत्र में उपलब्ध संसाधनों, प्रशिक्षर्णाथियों की उपलब्धता एवं पाठ्यक्रम विशेष के प्रशिक्षण के बाद रोजगार उपलब्ध करवाने के अवसरों की उपलब्धता के अनुसार किया जाता है।