चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की तादाद में इजाफ़े का अनुमान


उत्तराखंड में गढ़वाल के उच्च हिमालयी क्षेत्रों में स्थित आस्था के केंद्र के रूप में विश्वविख्यात चारधाम की यात्रा में इस बार श्रद्धालुओं के लिए पहले की अपेक्षा बेहतर सुविधाएं होंगी। यात्रियों की संख्या इस बार बढ़ने का भी अनुमान है। उत्तराखंड सरकार का दावा है कि इस बार चारधाम यात्रा ज्यादा सुविधाजनक, सुगम और सुरक्षित रहेगी। इसके लिए तमाम व्यवस्था कर ली गयी है । अठारह अप्रैल को अक्षय तृतीया के अवसर पर गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट खुलने के साथ ही इस वर्ष की चारधाम यात्रा विधिवत रूप से शुरू हो गयी। अन्य दो धाम, बदरीनाथ के कपाट 30 अप्रैल को और केदारनाथ के कपाट श्रद्धालुओं के लिए 29 अप्रैल को खुलेंगे ।

राज्य सरकार को इस यात्रा सीजन में पिछले साल की तुलना में ज्यादा यात्रियों के आने की उम्मीद है। एक अनुमान के मुताबिक, इस साल श्रद्धालुओं की संख्या पिछले साल के मुकाबले करीब छह लाख अधिक हो सकती है। पिछले साल चारधाम की यात्रा पर 24 लाख लोग आये थे। पांच साल पहले जून, 2013 में आयी प्रलयंकारी आपदा के बाद से इस बार भी मुख्य फोकस केदारनाथ यात्रा पर ही है जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सतत निगरानी में पुनर्निर्माण और विकास कार्य जारी हैं। सरकार ने धामों के लिए अपनी हेलीकाप्टर सेवा चलाने के लिए निविदा प्रक्रिया भी आरंभ कर दी है। इस साल नौ-दस कंपनियों ने हैली सेवा देने की इच्छा जतायी है।

रूद्रप्रयाग के जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने बताया कि इस साल केदारनाथ में एक रात में ज्यादा यात्रियों के रूकने की व्यवस्था है । इससे यह माना जा रहा है कि पहले से अधिक यात्री अधिक व्यवस्थित माहौल में अपनी यात्रा निर्बाध तरीके से पूरी कर पाएंगे।
उन्होंने कहा कि अब की बार केदारनाथ के लिए जाने वाले मंदाकिनी के किनारे स्थित पैदल मार्ग को भी चौड़ा किया गया है । इस मार्ग पर पेयजल और चिकित्सकीय सुविधा भी दी जा रही है जिससे यात्रियों को परेशानी न हो । उन्हें अपना मेडिकल चेकअप कराने के बाद ही केदारनाथ पैदल मार्ग पर यात्रा शुरू करने की हिदायत दी जा रही है।

शाम के समय भूलकर भी किसी को न दें ये चीजें

उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद के नोडल अधिकारी सतीश बहुगुणा ने बताया कि उनका विभाग ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन पर जोर दे रहा है ताकि तीर्थयात्रा व्यवस्थित रहे । उन्होंने कहा कि गढ़वाल क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए बने राज्य सरकार के उपक्रम गढ़वाल मंडल विकास निगम ने अलग-अलग स्थानों के भ्रमण के लिए कई प्रकार के पैकेज बनाये हैं जिसके बारे में यात्री ऑनलाइन जानकारी प्राप्त कर पहले से बुकिग करा सकते हैं । बहुगुणा ने बताया कि पर्यटन विभाग इस बात पर भी कड़ी नज़र रखेगा कि श्रद्धालुओं और पर्यटकों को सुविधाओं के लिए जरूरत से ज्यादा कीमत न चुकानी पड़े।

उत्तराखंड के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने बताया कि चारधाम यात्रा के दौरान मार्गों पर 32 स्थानों पर एसडीआरएफ तैनात रहेगी और लगभग 150 पर्यटक पुलिसकर्मी यात्रियों की सुविधा के लिए मौजूद रहेंगे । उन्होंने कहा, ‘हमारा प्रयास है कि यात्रियों को असुविधा न हो । पुलिस महकमा उनकी हर जरूरत के लिए तत्पर रहेगा ।’ हर साल अप्रैल-मई में शुरू होने वाली चारधाम यात्रा के शुरू होने का स्थानीय जनता को भी इंतजार रहता है । छह माह तक चलने वाली इस यात्रा के दौरान आने वाले लाखों श्रद्धालु और पर्यटक स्थानीय जनता के लिए रोजगार और आजीविका का साधन हैं । इसीलिए चारधाम यात्रा को गढवाल हिमालय की आर्थिकी की रीढ़ माना जाता है। चारों धामों में, सर्दियों में भारी बर्फवारी और भीषण ठंड हो ने की वजह से हर साल इनके कपाट अक्टूबर-नवंबर में श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिये जाते हैं । ये कपाट अगले साल अप्रैल-मई में दोबारा खोल दिये जाते हैं।