इस बार नवरात्रि से ठीक पहले सरकार ने उपभोक्ताओं को राहत देने वाला बड़ा ऐलान किया है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने साफ किया है कि जीएसटी दरों में जो कटौती की गई है, उसका पूरा लाभ ग्राहकों को मिलना चाहिए। कंपनियों को निर्देश दिया गया है कि वे तुरंत अपने बिलिंग सिस्टम को अपडेट करें और घटे हुए टैक्स का असर खुद नहीं छिपाएं।
375 वस्तुओं पर टैक्स में कटौती
वित्त मंत्री ने जानकारी दी कि इस बार कुल 375 वस्तुओं पर जीएसटी दरें घटाई गई हैं। इन नई दरों को 22 सितंबर से लागू किया जाएगा — जो नवरात्रि की शुरुआत भी है। उम्मीद की जा रही है कि इससे बाजार में खरीदारी को रफ्तार मिलेगी और आम लोगों की जेब पर बोझ भी कम होगा।
उपभोक्ताओं को सीधा फायदा देने पर जोर
सीतारमण ने कहा कि कई कंपनियों ने पहले ही दाम घटाने की घोषणा की है, लेकिन सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि हर क्षेत्र में यह लाभ ग्राहकों तक पहुंचे। इसके लिए न केवल मंत्रालय निगरानी कर रहा है, बल्कि सांसदों से भी कहा गया है कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में कीमतों पर नजर रखें।
‘सिर्फ टैक्स नहीं, उपभोग बढ़ाना भी ज़रूरी’
कुछ राज्यों ने जीएसटी दरों में कटौती से राजस्व घटने की आशंका जताई है। इस पर वित्त मंत्री ने कहा कि जब आम आदमी को राहत मिलती है, तो सरकार को केवल अपनी आमदनी की चिंता नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कहा, “जब लोगों की जेब में पैसा जाएगा, तभी बाजार चलेगा और अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी।”
सिर्फ 13 वस्तुएं ‘लग्जरी’ श्रेणी में बची हैं
सरकार ने बताया कि अब केवल 13 वस्तुएं ही ‘लग्जरी और सिन् गुड्स’ के टैक्स दायरे में बची हैं। बाकी ज्यादातर चीजें सामान्य टैक्स श्रेणी में आ गई हैं, जिससे टैक्स ढांचा और सरल हुआ है। इससे उपभोक्ताओं को सीधी बचत होगी।
CBIC ने कंपनियों को चेताया
सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्सेज एंड कस्टम्स (CBIC) के चेयरमैन संजय कुमार अग्रवाल ने साफ कहा है कि कंपनियों को 22 सितंबर से पहले ही अपने बिलिंग सिस्टम में बदलाव करना होगा। अगर किसी ने उपभोक्ताओं तक फायदा नहीं पहुंचाया, तो संबंधित सेक्टर पर कार्रवाई की जाएगी।
बीमा और ऑटो सेक्टर पर विशेष नजर
सरकार ने खासतौर पर बीमा और ऑटो सेक्टर को मिली टैक्स राहत का जिक्र किया है और कहा है कि इन क्षेत्रों को पूरी पारदर्शिता के साथ ग्राहकों को फायदा देना होगा।
‘सिन् गुड्स’ पर राहत नहीं
सिगरेट, पान मसाला और तंबाकू जैसी वस्तुओं पर टैक्स में कोई राहत नहीं दी गई है। इन पर मौजूदा टैक्स दरें जारी रहेंगी।

