

हमारे हिन्दू धर्म में हर दिन का कोई ना कोई महत्व होता है। सप्ताह के सातों दिन अलग अलग भगवान की पूजा होती है। सभी लोग अपनी मनोकामनाओं को पूरा करने के लिए पूजा-पाठ और व्रत करते है। दिनों के अनुसार व्रत रखने से हमारी मनोकामना जल्दी पूरी होती है। रविवार का व्रत सभी मनोकामना पूरी करने वाला श्रेष्ठ व्रत माना जाता है। यह व्रत करने से मान सम्मान बढ़ता है, शत्रुओं का क्षय होता है तथा आँख के अलावा शरीर की सभी पीड़ा दूर होती है। आज हम आपको रविवार के व्रत नियम के बारे में बताएंगे-
रविवार के व्रत नियम-
इस दिन सुबह जल्दी स्नान करके शुद्ध और साफ़ कपड़े पहनकर शांत चित्त से सूर्य भगवान का ध्यान करना चाहिए।
लाल चन्दन, लाल फूल आदि से सूर्य भगवान की पूजा करनी चाहिए।
प्रसाद चढ़ाना चाहिए और व्रत धारण करना चाहिए।
दिन में सिर्फ एक बार भोजन करना चाहिए।
रविवार के व्रत की कथा सुननी चाहिए।
सूर्यास्त होने से पहले भोजन या फलाहार कर लेना चाहिए।
यदि सूर्यास्त तक भोजन नहीं कर पाये हों तो दूसरे दिन सूर्य को अर्घ्य देने के बाद ही भोजन करना चाहिए।
सूर्यास्त के बाद कुछ नहीं खाना चाहिए।
इस दिन नमक , तेल , चना , आंवला आदि न तो खुद खाना चाहिए और ना ही दान करना चाहिए ।