

जयपुर। सहकारिता मंत्री श्री अजय सिंह किलक ने रविवार को बताया कि सहकारिता के माध्यम से शीघ्र ही ग्रामीण क्षेत्रों में सस्ती दवाइयां उपलब्ध होने लगेंगी। इसके लिए प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना के तहत प्रारम्भ में पंचायत समिति स्तर पर सहकारी संस्थाओं के माध्यम से जन औषधि केन्द्र खोले जाएंगे। उन्होंने बताया कि इस संबंध में बीपीपीआई (ब्यूरो ऑफ फार्मा पीएसयूस् ऑफ इण्डिया) एवं नेशनल युवा को-ऑपरेटिव सोसायटी लि. के साथ वार्ता चल रही है और शीघ्र ही समझौता कर इन केन्द्रों को चालू किया जाएगा।
श्री किलक ने बताया कि राज्य में उपभोक्ता संघ सहित 36 जिला सहकारी उपभोक्ता भण्डार एवं 270 से अधिक क्रय-विक्रय सहकारी समितियां हैं और हम उनमें से ऎसी संस्थाओं की पहचान कर रहे हैं जो ग्रामीण क्षेत्रों में दवाइयों का व्यवसाय करना चाहती हैं एवं उनके पास पर्याप्त संसाधन और संभावनाएं मौजूद हैं। उन्होंने बताया कि इन केन्द्रों पर 600 से अधिक उच्च गुणवत्तायुक्त जीवन रक्षक दवाइयों सहित 150 से अधिक सर्जिकल आइटम एवं अन्य उपभोग्य योग्य उत्पाद उपलब्ध होंगे। इन दवाइयों एवं आइटमों के मूल्य बाजार भाव से 50 से 90 प्रतिशत तक कम होंगे।
उन्होंने बताया कि प्रायः यह देखने में आता है कि ग्रामीण क्षेत्रों में धन के अभाव में व्यक्ति अपना एवं अपने परिवारजन का इलाज नहीं करवा पाता है परन्तु अब ऎसा नहीं होगा। इन दवा विक्रय केन्द्रों के खुल जाने से ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबों को उच्च गुणवत्ता की सस्ती दवाइयां मिल सकेगीं और अब कोई भी गरीब अपने इलाज से वंचित नहीं होगा। उन्होंंने बताया कि ये केन्द्र ग्रामीण क्षेत्र में जीवन दायिनी का कार्य करेंगे।
प्रमुख शासन सचिव एवं रजिस्ट्रार, सहकारिता श्री अभय कुमार ने बताया कि हमारा उद्देश्य राज्य के प्रत्येक व्यक्ति को उसके स्वास्थ्य की देखभाल पर होने वाले खर्च को घटाना है और इसके लिए इन केन्द्रों के माध्यम से उच्च गुणवत्ता की सस्ती जेनेरिक दवाइयां मुहैया कराई जाएंगी। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार का प्रयास है कि अच्छे इलाज के अधिकार से कोई वंचित न रहे और हर किसी को उच्च गुणवत्ता की दवाइयां उचित मूल्य पर आसानी से उपलब्ध हो सके।
उपभोक्ता संघ की प्रशासक एवं राजफैड की प्रबंध निदेशक डॉ. वीना प्रधान ने बताया कि राज्य में पूर्व में तीन जन औषधि केन्द्र जयपुर, झुंझुनूं एवं जोधपुर में संचालित किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि जिला सहकारी उपभोक्ता भण्डार एवं उपभोक्ता संघ द्वारा राज्य में सहकारी दवा केन्द्र खोलकर सस्ती दवाइयां उपलब्ध कराई जा रही हैं परन्तु लगभग 100 पंचायत समितियां ऎसी हैं जहां पर किसी भी सहकारी संस्था के दवा विक्रय केन्द्र नहीं हैं। उन्होंने बताया कि इसलिए पंचायत समिति स्तर पर कार्य कर रही सहकारी समितियों की पहचान कर उनके माध्यम से जन औषधि केन्द्रों का संचालन करवाने का निर्णय किया गया है।