

घर में भगवान गणेश की प्रतिमा रखना शुभ माना जाता है। हमेशा नए घर में पूजा-पाठ करवाते समय घर के मुख्य द्वार पर गणेशजी की मूर्ति लगाई जाती है। लेकिन हम कभी कभी जानकारी के अभाव में गणेश जी की मूर्ती मुख्य द्वार लगा तो देते हैं लेकिन उसे कब लगाना शुभ रहता है इस बारे में जानकारी नहीं होती।
वास्तु के अनुसार अगर घर का मुख्य द्वार दक्षिण या उत्तर दिशा में है तो ही मुख्य द्वार पर गणेशजी की मूर्ति लगाना शुभ रहता है।
वास्तु के अनुसार अगर घर का मुख्य द्वार पूर्व या पश्चिम दिशा में है तो ऐसी स्थिती में गणेशजी की मूर्ति मुख्य द्वार पर नहीं लगाएं।
जब भी गणेशजी की प्रतिमा घर में लाएं उस समय दें अगर मूर्ति घर के मेन दरवाजे पर लगाने के लिये ले रहें है तो उनकी सूंड़ वामवर्त हो। और अगर घर के अंदर रखने के लिये मूर्ति में सूंड़ दक्षिणावर्त होनी चाहिए।
घर में गणेश जी की मूर्ति हमेशा बैठी हुई मुद्रा में होनी चाहिए। कार्यस्थल के लिये खड़े गणेश जी की मूर्ति रखनी चाहिए।
अगर इष्ट देव गणेश जी हैं तो उनकी घर में स्थापना मध्य में करें व ईशान कोण में भगवान विष्णु, अग्निकोण में शंकर और नैऋत्य कोण में भगवान सूर्य एवं वायुकोण में मां दुर्गा की स्थापना करें।
गणेश जी की तस्वीर या मूर्ति के साथ मोदक और उनका वाहन मूषक जरूर हो। इन दोनों के साथ भगवान गणेश जी की मूर्ति लें।