

जयपुर। राज्य सरकार एवं प्रदेश के सेवारत चिकित्सक संघ के मध्य 12 नवम्बर को हुए समझौते के अधिकांश बिन्दुओं पर आवश्यक कार्यवाही सम्पादित की जा चुकी है। शेष बिन्दुओं पर भी प्राथमिकता से कार्यवाही कर उनका निस्तारण करवाया जा रहा है।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री कालीचरण सराफ ने बताया कि चिकित्सकों की मुख्य मांग डी.ए.सी.पी. एरियर के प्रकरणों का निस्तारण चिकित्सा शिक्षा विभाग में पूर्व अनुमत एक बारीय शिथिलन के अनुरूप करने की अनुमति वित्त विभाग से प्राप्त हो गयी है। इसकी अधिसूचना डी.ए.सी.पी. के वास्तविक लाभ की अधिसूचना के साथ जारी की जायेगी। डी.ए.सी.पी. का वित्तीय लाभ कार्यभार ग्रहण करने कि तिथि के स्थान पर योग्यता की तिथि से करने संबंधी नियम में परिवर्तन का कार्य भी प्रगति पर है। 18 वर्षीय डी.ए.सी.पी. में 18 प्रतिशत की सीमा से अधिक किसी वर्ष विशेष में पात्र चिकित्सकों के शेष रहने पर सीमा से अधिक संख्या पर शिथिलन की वित्त विभाग से सहमति प्राप्त हो गयी है।
श्री सराफ ने बताया कि आर.एम.आर.एस. के अध्यक्ष के पद पर जिला कलेक्टर के अतिरिक्त चिकित्सा विभाग के अधिकारी को ही अध्यक्ष बनाने के संबंध में समझौते के अनुसार आदेश जारी कर दिये गये हैं। चिकित्सा संस्थानों में सी.सी.टी.वी. कैमरे लगाने के संबंध में 26 जिला चिकित्सालयों हेतु स्वीकृति कर आदेश जारी कर दिये गये हैं। उन्होने बताया कि संयुक्त निदेशक जोन कार्यालयों मेे विधायी कार्यों के लिए विधि सहायकोें के पदो की स्वीकृति वित्त विभाग से प्राप्त हो गयी है। विधि विभाग की स्वीकृति ली जा रही है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियोें को वाहन उपलब्ध करवाने के लिए पत्रावली उच्च स्तर पर विचाराधीन है।
चिकित्सा मंत्री ने बताया कि इन्टर्नशिप में दिये जा रहे भत्तों की राशि 3500 रुपये से बढाकर 7000 रुपये करने के लिए भी वित्त विभाग की सहमति प्राप्त हो गयी है इस संबंध में चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा आदेश जारी किये जा रहे है। उन्होने बताया कि मांग-पत्र के बिन्दु संख्या 09, 10, 23, 29 व 31 के लिए समझौते के अनुसार कमेटी का गठन कर दिया गया है।
श्री सराफ ने बताया कि कैडर रिव्यू के संबंध में संघ से संशोधित प्रस्ताव प्राप्त होते ही कार्यवाही प्रारम्भ कर दी जायेगी। इन सर्विस पी.जी. के लिए ग्रामीण परिभाषा तय करने का कार्य संबंधित कमेटी द्वारा किया जा रहा है। ग्रामीण व पोस्टमार्टम भत्ता बढाने के प्रस्ताव वित्त विभाग को भिजवाये जा चुके हैं। इसी प्रकार ग्रामीण चिकित्सकों को आवास उपलब्ध कराने, नीम हकीमों के विरूद्व सैल गठित करने एवंम सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रो पर लिपिक का पद सृजित करने के संबंध में आवश्यक कार्यवाही प्रगति पर है। पी. जी. करने पर तीन व समकक्ष डिप्लोमा करने पर दो अतिरिक्त वेतन वृध्दि के प्रस्ताव वित्त विभाग को भिजवाये जा चुके हैं। सेवारत चिकित्सकों के 60 वर्ष की आयु पूर्ण करने पर स्वेच्छिक सेवानिवृति के आवेदन पर गुणवागुण के आधार पर कार्यवाही प्रारम्भ कर दी गयी है।
चिकित्सा मंत्री ने बताया कि राज्य सरकार चिकित्सकों की विभिन्न समस्याओं के समाधान के लिए गंभीरता से प्रयास कर रही है।