

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा कि 9/11 के बाद इस्लामोफोबिया इतनी तेजी से बढ़ रहा है कि हालात बदतर हो गए हैं। उन्होंने कहा कि इससे पहले हिंदू आत्मघाती हमले करते थे, लेकिन उन पर कोई इल्जाम नहीं लगाता। इससे पहले इमरान ने कहा कि मैं यहां केवल 4 समस्याओं का जिक्र करना चाहूंगा। मेरा देश मुश्किल वक्त का सामना कर रहा है।
उन्होंने कहा कि मैं जलवायु परिवर्तन से शुरुआत करता हूं। बहुत सारे लोगों ने इस पर बात की। इस मुद्दे पर गंभीरता की कमी है। विश्व के नेता जो बहुत कुछ कर सकते हैं, वह गंभीरता को नहीं समझ रहे हैं।
पाकिस्तान टॉप 10 देशों में है, जो जलवायु परिवर्तन से प्रभावित हैं
इमरान ने कहा कि पाकिस्तान टॉप 10 देशों में है, जो जलवायु परिवर्तन से प्रभावित हैं। हम अपनी नदियों और खेती पर निर्भर हैं। 80 फीसदी पानी हमारे देश में ग्लेशियर से आता है। केवल पाकिस्तान ही नहीं, बल्कि भारत में भी ग्लेशियर्स से पानी आता है। यह ग्लेशियर पिघल रहे हैं। 5000 ग्लेशियर लेक बन चुकी हैं, हमारे पहाड़ों में। अगर यह नहीं रुका तो मानवता बहुत बड़ी त्रासदी का सामना करेगी।
संयुक्त राष्ट्र को इस दिशा में अगुवाई करनी चाहिए
इमरान ने कहा- हमारा देश इस दिशा में काम कर रहा है, लेकिन एक देश कुछ नहीं कर सकता। मेरा आशावाद तथ्यों से पनपा है कि ऊपरवाले ने मानव को महान ताकतें दी हैं और हम बहुत कुछ कर सकते हैं। संयुक्त राष्ट्र को इस दिशा में अगुवाई करनी चाहिए।
हर साल बिलियन डॉलर गरीब देशों से अमीर देशों को जाते हैं
इमरान ने कहा- दूसरा मुद्दा और पेंचीदा है। हर साल बिलियन डॉलर गरीब देशों से अमीर देशों को जाते हैं। टैक्स हैवन देशों में ये पैसा जाता है। यह विकासशील दुनिया को बर्बाद कर रहा है। गरीब और अमीर देशों के बीच अंतर इसकी वजह से बढ़ रहा है। मेरे देश में पिछले 10 सालों में हमारा कर्ज चार गुना बढ़ गया। इस साल हमने जितना मुनाफा कमाया और इसका आधा कर्ज चुकाने में चला गया।
दुनिया की बढ़ती जनसंख्या आज नहीं तो कल समस्या आनी है
उन्होंने बताया- हमने उन संपत्तियों का पता लगाया, जो भ्रष्ट नेताओं ने खरीदीं। यह हालात गंभीर हैं। अमीर देशों को राजनीतिक भावना दिखानी चाहिए और उन्हें ऐसा नहीं होने देना चाहिए। जब तक अमीर देश आर्थिक भगोड़ों को अपने देशों में आने से रोकने के लिए दीवार नहीं बनाएंगे, तब तक यह होता रहेगा। हमारी दुनिया में टैक्स हैवन हैं ही क्यों? दुनिया की जनसंख्या बढ़ रही है। आज नहीं तो कल समस्या आनी है।
हिजाब पहनने वाली मुस्लिम महिलाएं मुद्दा बन गई हैं
इमरान ने कहा- मेरा तीसरा प्वाइंट इस्लामोफोबिया है। 9/11 के बाद इस्लामोफोबिया इतनी तेजी से बढ़ रहा है कि हालात बदतर हो गए हैं। हिजाब पहनने वाली मुस्लिम महिलाएं मुद्दा बन गई हैं। हिजाब को किसी तरह का हथियार समझा जाता है। यह कैसे हो रहा है, केवल इस्लामोफोबिया की वजह से हो रहा है। 9/11 के बाद से यह शुरू हुआ है। ऐसा इसलिए क्योंकि कुछ पश्चिमी नेताओं ने इस्लाम को आतंकवाद से जोड़ दिया। कट्टरपंथी इस्लाम से जोड़ दिया।
उन्होंने कहा- न्यूयॉर्क, यूरोप में बैठा कोई शख्स ये कैसे कह सकता है कि ये मॉडर्न इस्लाम है और ये रेडिकल इस्लाम है। आतंकवाद का किसी भी धर्म से संबंध नहीं होता है। इस्लामोफोबिया ने मुस्लिमों के दिलों में दर्द पैदा किया है। यूरोपीय देश मुस्लिमों को हाशिए पर ला रहे हैं। इससे उनमें कट्टरपंथ आ रहा है। हमें इस मसले पर जरूर ध्यान देना चाहिए। मुस्लिम नेताओं ने भी इस मुद्दे को नहीं उठाया।
9/11 के बाद इस्लाम की तुलना आतंकवाद से इसलिए की गई
इमरान ने कहा- 9/11 के बाद इस्लाम की तुलना आतंकवाद से इसलिए की गई, क्योंकि यह आत्मघाती हमला था। लोगों ने इसलिए सोचा कि यह कौम इसलिए फिदायीन हमले करती है कि उसे जन्नत में हूरें मिलती हैं। ये कैसे हुआ। हिंदू धर्म को कोई आरोप नहीं लगाता है। हम यहां क्या साबित करना चाह रहे हैं। मुझे पता है कि पश्चिमी दिमाग किस तरह से काम करते हैं।
पश्चिम में धर्म को अलग नजरिए से देखते हैं, हमारी तरह नहीं देखते हैं
1989 में एक किताब प्रकाशित हुई, जिसमें मोहम्मद साहब की निंदा की गई थी। पश्चिम में धर्म को अलग नजरिए से देखते हैं, हमारी तरह नहीं देखते हैं। इस्लाम को एक असहिष्णु, बोलने की आजादी के खिलाफ धर्म माना जाता है। मैं पश्चिम में एक विशेष धड़े को इस बात के लिए जिम्मेदार मानता हूं। मुस्लिम लीडरशिप ने ही मुस्लिमों को नीचा दिखाया है।