

देश की अर्थव्यवस्था में जारी गिरावट का दौर अब थम गया है. वर्तमान वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही का नतीजा उम्मीद के अनुरूप आया है. इस दौरान जीडीपी ग्रोथ रेट 6.3 फीसदी दर्ज की गई. जबकि पहली तिमाही की ग्रोथ रेट 5.7 फीसदी थी, जो लगभग 3 साल का सबसे निचला स्तर था. इससे ग्रोथ रेट बढ़ाने के लिए लगातार संघर्ष कर रही मोदी सरकार को बड़ी सफलता मिली है.
एक जुलाई को जीएसटी लागू होने के बाद यह जीडीपी ग्रोथ रेट से जुड़ी पहली तस्वीर है. साफ तौर पर बढ़ी हुई ग्रोथ यह भी बताती है कि जीएसटी के अच्छे नतीजे आने शुरू हो गए हैं और आने वाले दिनों में इससे इकोनॉमी की तस्वीर और सुनहरी हो सकती है.
जीडीपी के बेहतर नतीजे से यह भी साफ हो गया है कि नोटबंदी का असर अब खत्म हो गया है और कंपनियां निवेश करने सामने आ रही हैं, जिससे ग्रोथ के साथ ही रोजगार को भी बूस्ट मिलना शुरू हो गया है.
इससे पहले एक मीडिया हाउस के किए गए पोल के मुताबिक 52 फीसदी अर्थशास्त्रियों का अनुमान था कि अप्रैल-जून तिमाही के मुकाबले जुलाई-सितंबर तिमाही में भारत की GDP ग्रोथ बढ़कर 6.4 फीसदी पर पहुंच सकती है.