

प्रदेश के निकायों में चल रही अन्नपूर्णा रसोई का नाम अब इंदिरा कैंटीन भी किया जा सकता है। सीएमओ के स्तर से तीन अफसरों का चयन कर चेन्नेई भेजा है। तीन दिन ये अफसर वहां कर्नाटक की इंदिरा कैंटीन और तमिलनाडु की अम्मा कैंटीन की स्टडी करेंगे। हालांकि अभी बताया जा रहा है कि केवल रेट, खाने की क्वालिटी और प्रबंधन की स्टडी की जाएगी। लेकिन इसके पीछे सरकार का एजेंडा नाम बदलने का भी हो सकता है।
फिलहाल प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के कार्यकाल में वर्ष 2016 में शुरू की गई अन्नपूर्णा रसोई योजना चल रही है। अब कांग्रेस सरकार इस याेजना का नाम सहित अन्य बदलाव कर सकती है। इन दाेनाें याेजनाओं का जायजा लेने के लिए सरकार ने उदयपुर कलेक्टर आनन्दी, जोधपुर विकास प्राधिकरण आयुक्त गौरव अग्रवाल और अजमेर नगर निगम आयुक्त चिन्मयजी गोपाल को कर्नाटक और तमिलनाडु भेजा है।
ये आईएएस अधिकारी 31 मई तक इन दोनों योजनाओं का अध्ययन कर 4 जून को स्वायत्त शासन विभाग जयपुर को रिपोर्ट देंगे। विभाग के शासन सचिव सिद्धार्थ महाजन ने बताया कि फिलहाल अन्नपूर्णा रसोई योजना चल रही है। कर्नाटक की इंदिरा और तमिलनाडु की अम्मा कैंटीन की जो अच्छाइयां होंगी उन्हें यहां लागू करने पर विचार किया जाएगा। अन्नपूर्णा रसोई योजना के तहत जयपुर, उदयपुर सहित 12 जिलों के शहरी क्षेत्र में जरूरतमंदों को 5 रुपए में 350 ग्राम नाश्ता और 8 रुपए में 450 ग्राम भाेजन दिया जा रहा है।