

ऐसी मान्यता है की आज भी हनुमान जी इस घरती पर देह सहित उपस्थित है, इस धरती पर भगवान श्री राम के बाद हनुमान जी ही एक ऐसे देवता है जिसकी सबसे ज्यादा पूजा की जाती है, हमारे भारत देश में मंगलवार के दिन और शनिवार के दिन लंबी कतारें लग जाती है.
आज हम आपको एक ऐसे गाँव के बारे में बताने वाले है जहा पर हनुमान जी का नाम लेना भी गुनाह माना जाता है. यह गाँव उत्तराखंड के चमोली जिले में आया हुआ है, इस गाँव में आपको हनुमान जी की एक भी मूर्ति देखन एको नहीं मिलेगी.
इस गाँव की हनुमान जी के प्रति कोई नफरत नहीं है बल्कि जब हनुमान जी मेघनाथ के बाणों से लक्ष्मण मूर्छित हुए थे तभी हनुमान जी की हिमालय से संजीवनी बूटी लाने के लिए कहा गया था.
जब हनुमान जी उत्तराखंड के चमोली जिला में स्थित द्रोणागिरी पर्वत पर गये तो इस गांव की एक महिला ने हनुमान जी को पर्वत का वह हिस्सा दिखाया जहापर संजीवनी उगती थी तभी हनुमान जी इसमें से संजीवनी के बदले पुरे पहाड़ को ही उठाकर ले गये तभी से इस गाँव के लोग हनुमानजी से नाराज हो गये.
तभी से इस गाँव में हनुमानजी की कोई भी इंसान पूजा नहीं करता और ना ही कोई इसका नाम लेता है. यहाँ के लोग आज भी द्रोणागिरी की पूजा करते हैं और इस पूजा में किसी भी महिलाओं को शामिल नहीं होने दिया जाता.