

ऐसा लग रहा है कि कर्नाटक की सत्ता हासिल करने के लिए सभी राजनीतिक दलों ने अपनी पूरी ताक़त झोंक दी है.
कर्नाटक विधानसभा की 222 सीटों में 214 के परिणाम आ चुके हैं. बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभर रही है.
भाजपा ने अभी तक 99 सीटें जीती हैं और वो 5 सीटों पर आगे चल रही है. कांग्रेस 77 सीटें अपने नाम कर चुकी है और 2 सीटों पर उसे अभी उम्मीद है.
जिस पार्टी के हाथ में सत्ता की चाभी बताई जा रही है वो पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा की पार्टी जनता दल सेकुलर है.
जेडीएस 37 सीटें जीत चुकी है और कांग्रेस ने जेडीएस को समर्थन का ऐलान कर दिया है.
कर्नाटक में मायावती की बसपा ने भी खाता खोला है और उसकी झोली में एक सीट आई है. कर्नाटक प्रग्न्यावंथा जनता पार्टी ने एक सीट जीती है.
कर्नाटक में क्या चल रहा है
“बीजेपी ने पिछले 14 चुनाव लगातार चुनाव जीते हैं. ये 15वां चुनाव है जिसे भी बीजेपी जीतने जा रही है.
बीजेपी पार्टी मुख्यालय में अमित शाह के इस बयान से कर्नाटक की राजनीति के उलझे दांव-पेंच का अंदाज़ा लगाया जा सकता है.
कर्नाटक की राजनीति में कांग्रेस चुनाव हारकर भी सत्ता से दूर फिसलती हुई नहीं दिखना चाहती है.
उसने पूर्व प्रधानमंत्री देवगौड़ा की जनता दल सेकुलर को समर्थन देने का ऐलान किया है.
देवगौड़ा के बेटे कुमारास्वामी ने कांग्रेस नेताओं के साथ राज्यपाल के पास जाकर सरकार गठन का दावा किया है.
हालांकि दावा तो सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरने वाली भाजपा के येदियुरप्पा ने भी किया है पर ये तस्वीर साफ़ नहीं है कि आठ और ज़रूरी विधायक वे कहां से लाएंगे.