

सरकार ने राष्ट्रीय नीति से हटकर काँग्रेस के वरिष्ठ नेताओं द्वारा पाकिस्तानी प्रतिनिधियों के साथ बैठक को उनकी बड़ी भूल करार देते हुये आज कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को इस संबंध में आक्रमक रुख अपनाने की बजाय इस बैठक का औचित्य स्पष्ट करना चाहिये। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने यहाँ इस मुद्दे पर बुलाये गये संवाददाता सम्मेलन में कहा कि काँग्रेस ने रविवार को इस बात से इनकार किया था कि उसके शीर्ष नेताओं की पाकिस्तान के प्रतिनिधियों के साथ कोई बैठक हुई है। लेकिन, आज इसे स्वीकार करने की बजाय उल्टे डॉ. सिंह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से ही इस विषय पर माफी की माँग कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि यह राष्ट्रीय नीति है कि पाकिस्तान से आतंकवाद के चलते उसके साथ किसी तरह बातचीत नहीं की जायेगी। सभी जिम्मेदार लोगों को इसका पालन करना चाहिये। विपक्षी दल से भी यह अपेक्षा की जाती है कि वह इसी के अनुरूप आचरण करेगा। अब तक यही परंपरा रही है।