

राफेल डील पर घिरी मोदी सरकार की मुश्किलें अभी कम नहीं हुई हैं इस बीच वह एक नए मुद्दे पर घिरती नजर आ रही है। भाजपा सांसद मुरली मनोहर जोशी की अध्ययक्षता वाली प्राक्कलन समिति (estimates committee) ने एक नोटिस जारी कर संसद के समक्ष एनपीए के हाई प्रोफाइल फ्रॉड लोगों की लिस्ट मांगी है, जिसे भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गर्वनर रघुराम राजन ने पीएमओ को भेजी थी। मुरली मनोहर जोशी ने 10 दिन पहले ये लिस्ट भेजी है। बता दें कि, हाल ही में प्रकल्लन समिति ने एनपीए की समस्या से निपटने के लिए रघुरान राजन की मदद मांगी थी।
गवर्नर रघुराम राजन ने एनपीए के बड़े मामलों की एक सूची प्रधानमंत्री कार्यालय को भेजी थी
संसद की प्राक्कलन समिति ने प्रधानमंत्री कार्यालय से पूछा है कि वह समिति को पूरा ब्यौरा उपलब्ध कराए जिसमें बैंकों की एनपीए की समस्या से लड़ने के लिए केन्द्र सरकार ने ऐसे बड़े औद्योगिक घरानों के खिलाफ क्या कारवाई की है जिनके चलते बैंकों के एनपीए में इजाफा हुआ है मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने एनपीए के बड़े मामलों की एक सूची प्रधानमंत्री कार्यालय को भेजी थी, ताकि उन सभी मामलों की गंभीरतापूर्वक जांच हो सके।
राजन द्वारा भेजे गए इस सूची पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई
पूर्व गवर्नर द्वारा भेजी गई रिपोर्ट में पीएमओ को इस बात से अवगत करवाया था कि किस तरह से प्रमोटरों द्वारा ओवर इनवॉयरिंग का इस्तेमाल किया जा रहा है। द वायर के मुताबिक, हालांकि राजन द्वारा भेजे गए इस सूची पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। यहीं नहीं प्राक्कलन समिति ने रघुराम राजन द्वारा भेजे गए 17 पेज के पत्र के आधार पर कोयला और बिजली मंत्रालयों को भी नोटिस जारी किया है। समिति ने इन मंत्रालयों से सफाई मांगी है कि क्यों उनके क्षेत्र में बैंक के एनपीए में लगातार इजाफा हो रहा है।
इस लिस्ट में देश की कई दिग्गज कंपनियों के नाम शामिल
बताते चलें कि, रघुराम राजन ने संसदीय समिति को हाल में दिए अपने बयान में बताया था कोयला और ऊर्जा क्षेत्र एनपीए के लिए सबसे बड़े जिम्मेदार हैं। वर्तमान में, कोयला मंत्रालय पीयूष गोयल के पास है। वायर के मुताबिक, पीयूष गोयल के उर्जा मंत्री रहते समय पॉवर सेक्टर में एनपीए बहुत तेजी बढ़ रहा था। समिति ने आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल, वित्त सचिव हसमुख अढ़िया और बैंकिंग सेक्रेटरी राजीव कुमार को नोटिस जारी कर समिति के सामने पेश होने के लिए कहा है। बताया जा रहा है कि इस लिस्ट में देश की कई दिग्गज कंपनियों के नाम शामिल हैं।