भारत की समुद्री ताकत का अहम अंग नौसेना : राष्ट्रपति


राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद कि भारतीय नौसेना समुद्री ताकत का एक अहम अंग है और राष्ट्रीय सुरक्षा तथा राष्ट्र के निर्माण में यह एक धुरी की भूमिका निभाती आ रही है। कोविंद ने भारतीय नौसेना की पनडुब्बी इकाई के शानदार 50 वर्ष पूरा होने के मौके पर प्रेजिडेंशियल कलर प्रदान करने के मौके पर यहां अपने संबोधन में कहा कि मौजूदा समय में भारत के समुद्री हित आर्थिक और सुरक्षा के साथ लोगों की बेहतरी से प्रत्यक्ष तौर पर जुड़े हुए हैं । हमारे कुल व्यापार का 90 प्रतिशत से अधिक हिस्सा समुद्री मार्ग के जरिए ही होता है जो भारत की भूमिका में और इजाफा करता है।

गौरतलब है कि अभी तक नौसेना की 17 पनडुब्बियों को अभूतपूर्व सेवा के लिए चीफ आफ नेवल स्टाफस यूनिट्स साइटेशन से नवाजा गया है। राष्ट्रपति ने कहा नौसेना की भूमिका न केवल राष्ट्रीय सुरक्षा के क्षेत्र में है बल्कि यह राष्ट्र निर्माण की व्यापक प्रकिया में भी भागीदार है और समुद्री ताकत के क्षेत्र में भारत का अहम अंग है। यह हमारे सैन्य तथा नागरिक हितों की संरक्षक हैं। कोविंद ने इस बात पर खुशी जाहिर की कि परमाणु तकनीक अब भारत सरकार के मेक इन इंडिया कार्यक्रम का हिस्सा है और इससे आने वाले वर्षों में हमारी सामथ्र्य में जोरदार इजाफा होगा। पिछले 50 वर्षों में नौसेना की पनडुब्बी इकाई की भूमिका की सराहना करते हुए भारतीय सशस्त्र सेनाओं के सर्वोच्च सेनापति ने कहा कि पनडुब्बियां और उनमें कार्यरत जवानों तथा अधिकारियों ने नौसैनिक अभियानों में काफी अहम भूमिका अदा की है।

उन्होंने कहा कि पिछले 50 वर्षों में विभिन्न भबदुओं पर 25 पनडुब्बियों को कमीशन दिया गया है और अपने छिपने के गुण का कारण इनकी ताकत में और इजाफा होता है। हमारी पनडुब्बियों ने बिना किसी शोर शराबे के चुपचाप 1971 के युद्ध में संचालनात्मक उपलब्धियां हासिल की। इन्होंने 1999 के ऑपरेशन विजय और 2002 के ऑपरेशन पराक्रम में सराहनीय भूमिका निभाई है।

राष्ट्रपति ने कहा कि कलावारी पनडुब्बी को नए रूप में नियत समय में कमीशन दिए जाने से कलावारी से कलावारी की यात्रा पूरी होगी। देश की पहली पनडुब्बी जिस पर आज ही के दिन नौसेना का प्रतीक और राष्ट्रीय ध्वज लहराया गया था , उसे भी कलावारी ही नाम दिया गया था। उन्होंने विभिन्न नौसैनिक अभियानों में राष्ट्र के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले पनडुब्बी में कार्यरत जवानों तथा अधिकारियों को श्रद्धांजलि दी । कोविंद ने कहा कि जो लोग समुद्र का सम्मान नहीं करते यह उन्हें कभी न माफ करने वाला माध्यम है तथा इस बात को भारतीय नौसेना की पनडुब्बी इकाई में काम करने वाले बहादुर जवानों से बेहतर कोई नहीं जानता क्योंकि ये लोग समुद्र की अथाह गहराइयों में रहकर अपने फर्ज को पूरा कर रहे हैं।