नवीन बायोफ्यूल नीति में 2030 तक पैट्रो उत्पाद में आयात को 10 प्रतिशत तक कम करने का हो लक्ष्य : राठौड़


जयपुर । ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री श्री राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि देश में पर्यावरण सुरक्षित रखने के लिए 2030 तक पैट्रो उत्पाद के आयात को 10 प्रतिशत तक कम करने के लक्ष्य की भावना के अनुरूप देश में अधिक से अधिक बायोफ्यूल का उत्पादन एवं उपयोग को बढ़ावा देने के लिए काम करना होगा। उन्होनें कहा कि राजस्थान सरकार ने 2007 में बायोफ्यूल प्राधिकरण की स्थापना कर बायोफ्यूल नीति जारी करने में देश में पहला स्थान पाया है।
श्री राठौड़ मंगलवार को यहां इंदिरा गांधी पंचायती राज संस्थान में नेशनल पॉलिसी ऑन बायोफ्यूल इन इण्डिया पर भारत सरकार के पैट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय द्वारा आयोजित एक दिवसीय राष्ट्रीय स्तर की कार्यशाला में मुख्य अतिथि के रूप में सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राजस्थान ऎसा प्रदेश है जहां बंजर भूमि की उपलब्धता अधिक है तथा 20 जिलों की जलवायु अखाद्य तैलीय पौधे जैसे रतनजोत, करंज एवं महुआ के लिए उपयुक्त है। उन्होंने बताया कि राज्य में महात्मा गांधी की नरेगा योजना से कंवर्जन कर उपलब्ध वन भूमि विकास के साथ तैलीय पौधों का भी पौधारोपण किया जा रहा है। प्रदेश मेें अब तक लगभग 3 करोड़ अखाद्य तैलीय पौधों का रोपण किया जा चुका है जिन्हें न्यूनतम मूल्य का निर्धारण कर राजफैड एवं राजसंघ द्वारा 15 रुपये प्रति किलो की दर से खरीदा जा रहा है।
श्री राठौड़ ने बताया कि वन उपज को बढ़ावा देने के लिए उदयपुर में वन उपज मण्डी प्रारम्भ की गयी है। उन्होंने बताया कि राज्य में बायोफ्यूल को बढ़ावा देने के लिए उदयपुर जिले के गोगून्दा ब्लाक में 50 हैक्टेयर आवंटित की गयी है जिसमें बायोफ्यूल हेतु ”सेन्टर फार एक्सीलैन्ट“ की स्थापना की जायेगी।
पंचायती राज मंत्री ने कहा कि कार्यशाला में तैयार की जा रही नवीन बायोफ्यूल नीति में कृषि, अवशेष से बायोफ्यूल एवं ठोस कचरा से बायोफ्यूल बनाने आदि को सम्मिलित किया जा रहा है। यह देश एवं प्रदेश के लिए एक सराहनीय प्रयास होगा जो वर्तमान के परिप्रेक्ष्य में पर्यावरण को बचाने की दृष्टि से अत्यधिक आवश्यक एवं महत्वपूर्ण होगा। उन्होनें प्रदेश में बायोफ्यूल को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने पूर्ण सहयोग दिलाने का विश्वास दिलाया। उन्होंने बायोडीजल को राज्य में बढ़ावा देने के लिए 18 प्रतिशत जीएसटी से मुक्त कराने पर जोर दिया।
कार्यशाला में वकिर्ंग ग्राम का बायोफ्यूल के चेयरमैन श्री राम कृष्णा वाई. बी ने सम्बोधित करते हुए कहा कि भारत सरकार बायोफ्यूल को बढ़ावा देने के लिए तत्पर हो। 5 हजार करोड़ का बजट का प्राधान किया है। इससे विभिन्न प्रदेशों में  कचरा एवं कृषि उत्पादन से बायोफ्यूल तैयार करेगा, जिससे किसानों को कृषि उत्पादन का उचित लाभ दिलाने के साथ पर्यावरण दूषित होने से मुक्ति मिलेगी। उन्होंने बताया कि कार्यशाला में बायोफ्यूल की नवीन नीति में कई मुद्दों पर चर्चा कर ठोस नीति बनाकर भारत सरकार को प्रस्तुत करेंगे।
कार्यशाला में विभिन्न राज्यों से आये बायोफ्यूल बोर्डस के अधिकारी उक्त नीति के लिए अपने अपने सुझाव एवं प्रस्तावों का साझा प्रस्तुतीकरण देंगे तथा बायोफ्यूल के संबंध में भारत सरकार के वकिर्ंग ग्रुप की बैठक की जायेगी।
कार्यशाला में वकिर्ंग ग्रुप के चेयरमैन आयल कम्पनी के अधिकारी बायोफ्यूल से सम्बन्धित विशेषज्ञगण बायोफ्यूल एसोसिएशन आफ इण्डिया के पदाधिकारी एवं राज्यों के बायोफ्यूल बोर्ड के अधिकारियों सहित ग्रामीण विकास विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।