

जोधपुर। पूरे प्रदेश में चल हड़ताल में जोधपुर के एंबुलेंस कर्मचारियों के शामिल होने से शहर में मरीजों और घायलों को आज भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। एंबुलैंस के पहिए गुरुवार को भी सीएमएचओं के बाहर थमें रहे। मगर प्रशासन व राज्य सरकार ने अब तक इनकी सुध नहीं ली है। ऐसे में गंभीर मरीजों व घायलों की जान पर आ पड़ी है।
सनद रहे कि पूरे प्रदेश में 108 आपातकालीन सेवा के कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर चल रहे है। इन कर्मचारियों ने मांगों को लेकर सरकार को पूर्व में चेतावनी दी थी और मांगें नहीं मानने पर एंबुलेंस सेवा 108, 104 और बेस एंबुलेंस का चक्काजाम कर सोमवार से प्रदेशव्यापी हड़ताल शुरू की थी। गुरूवार को इन सेवाओं के कर्मचारी अपने वाहन लेकर सीएमएचओ ऑफिस पहुंचे और वहां प्रदर्शन किया। उन्होंने बताया कि उनकी मुख्य मांग ठेका प्रथा को समाप्त करना है। उन्होंने बताया कि कि ठेका प्रथा के नाम पर उनका शोषण हो रहा है। पूरी मेहनत करने के बाद भी मानदेय के नाम पर बहुत कम वेतन मिल रहा है। सरकार ने वादा किया था कि वार्ता से उनकी मांगों का समाधान किया जाएगा। इसके बावजूद सरकार ने कुछ नहीं किया।
गौरतलब है कि 108 आपातकालीन सेवा, 104 जननी एक्सप्रेस, बेस एंबुलेंस एवं 104 टोल फ्री चिकित्सा परामर्श सेवाओं का संचालन सेवा प्रदाता कंपनी जीवीके ईएमआरआई से इन्टीग्रेटेड एंबुलेंस प्रोजेक्ट के तहत किया जा रहा है। इस समय प्रदेश में 108 आपातकालीन सेवा की 741 एम्बुलेंस है। इसके अलावा 104 जननी एक्सप्रेस की 586 तथा 190 बेस एम्बुलेंस है। इन एम्बुलेंस की हड़ताल होने से दुर्घटनाग्रस्त व आपातकालीन मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।