मंदी के सवाल पर मेघवाल बोले- 80 लाख का प्लाॅट 20 में मिल रहा है, आम आदमी को फायदा


बीकानेर। भारी उद्योग मंत्री अर्जुनराम मेघवाल देश में मंदी की बजाय आर्थिक सुधारों का दौर बताते हैं। इतना ही नहीं मकानों की बिक्री घटने से जुड़े सवाल पर कहते हैं, जब मैं पहली बार सांसद बनकर 2009 में दिल्ली गया तो वहां कर्मचारियों ने कहा था कि प्लॉट की रेट 70 से 80 लाख रुपए हो रही हैं। हम कैसे खरीद पाएंगे। अब वह प्लाट 20 लाख रुपए में मिल रहा है। इसका मतलब यह है कि सरकार आम लोगों के बारे में साेच रही है।

कारपोरेट टैक्स घटाने सहित आर्थिक सुधारों की बूस्टर डोज से वित्तीय हालात में तेजी से सुधार आने का दावा मेघवाल ने किया। वे सरकारी राहत से आ रहे सकारात्मक सुधारों पर बीकानेर में पत्रकारों से बात कर रहे थे। हालात पर उठ रहे सवालों का जिक्र करने के साथ उनके जवाब भी दे रहे थे। डिविडेंट देने के वित्त मंत्री के बयान पर बहस को इंगित कर बोले, कंपनियों को1.42 लाख करोड़ की छूट दे रहे हैं। वे इस छूट का लाभ उठाते हुए इन्वेस्टमेंट, मार्डनाइजेशन, डायवर्सिफिकेशन या एक्सपेंशन जैसे कदम उठाएगी तो यह इन्वेस्टमेंट प्लान हो गया। ऐसा कुछ नहीं करेंगे तो शेयर होल्डर-कर्मचारियों को डिविडेंड देंगे। यह पैसा बाजार में आएगा। एक्सपेंडीचर के साथ कंजप्शन बढ़ेगा तो जीडीपी को फायदा होगा।

पिछली मोदी सरकार में वित्त राज्यमंत्री रह चुके मेघवाल ने कहा, कारपोरेट टैक्स जो 34.94 प्रतिशत था वह अब घटकर 25.17 प्रतिशत रह गया है। एक अक्टूबर से मार्च 2023 तक रजिस्टर होकर उत्पादन करने वाली नए कंपनियों के लिए यह टैक्स रेट 15 प्रतिशत रहेगी। इससे एक फायदा यह होगा कि मिनिमम आल्टरनेट टैक्स यानी मैट से ये कंपनियां मुक्त रहेगी।

मेक इन इंडिया को बल मिलेगा। रिसर्च एंड डवलपमेंट क्षेत्र में रुचि बढ़ेगी। सीएसआर की पॉलिसी में संशोधन करते हुए उनमें भी रिसर्च एंड डवलपमेंट को जोड़ा गया है। पत्रकारों से बातचीत में नोखा विधायक एवं देहात भाजपा अध्यक्ष बिहारीलाल बिनोई, शहर भाजपा अध्यक्ष डा.सत्यप्रकाश आचार्य, विधायक सुमित गोदारा, महामंत्री मोहन सुराणा, अशोक भाटी आदि मौजूद रहे।

आर्थिक सुधारों की बूस्टर डोज पर पत्रकारों से बोले

1.42 लाख करोड़ की छूट में से कंपनियां कर्मचारियों शेयर होल्डर को डिविडेंड देगी, पैसा बाजार में आएगा, कंजप्शन बढ़ेगा जिससे जीडीपी बढ़ेगी

आरबीआई में देश का पैसा, देश की इकॉनोमी में काम आ रहा, कांग्रेस ने भी उपयोग किया था : आरबीआई के लाभांश, सरप्लस और कंटीजेंसी फंड से सरकार को पैसा देने के मुद्दे पर बोले, आरबीआई में देश का पैसा है। देश की इकोनोमी बूस्ट करने में जालान कमेटी की रिकमंडेशन पर आरबीआई आगे आया है। कांग्रेस के शासन में भी ऐसा हो चुका है। बैंकों का विलीनीकरण की भी 1991 में नरसिम्हा कमेटी ने सिफारिश की थी। इसकी जरूरत भी है। जीएसटी के मुद्दे पर बार-बार सरकार के बैकफुट आने के सवाल पर बोले, ऐसा बिलकुल नहीं है। लागू करने वक्त भी कहा था इसमें निरंतर सुधार और बदलाव होगा। यह पहली सरकार है जो हर सेक्टर के लोगों से बात कर रही है। उनकी सुन रही है और आधार पर बदलाव भी कर रही है।