सतत् विकास लक्ष्य 2030 को प्रभावी बनाने के लिए कार्यशाला आयोजित


जयपुर। भारत सरकार द्वारा अंगीकृत सतत् विकास लक्ष्य, 2030 को राज्य में प्रभावी करने के लिए आर्थिक एवं सांख्यिकी निदेशालय, आयोजना विभाग तथा यूनिसेफ के तत्वावधान में राज्य स्तरीय मॉनिटरिंग फ्रेमवर्क तैयार करने के लिए गुरूवार को यहा योजना भवन मे दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।

कार्यशाला में आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग के निदेशक एवं संयुक्त शासन सचिव, श्री ओ.पी.बैरवा ने विभाग द्वारा मॉनिटरिंग फ्रेमवर्क की आवश्यकता तथा इसमें सम्मिलित किए जाने वाले 17 गोल्स, 169 लक्ष्य तथा 300 से अधिक इंडिकेटर्स के निर्धारण से सम्बन्धित प्रयासों की जानकारी दी।
कार्यशाला में आयोजना विभाग के विशेषाधिकारी श्री विनेश सिंघवी द्वारा सतत् विकास लक्ष्य, 2030 के सन्दर्भ में राज्य सरकार द्वारा निर्धारित किए जा रहे एक्शन प्लान, रणनीति, मसौदा पत्र तथा लक्ष्यों को अर्जित करने के लिए लागू की जाने वाली योजनाओं, कार्यक्रमों का नीति निर्धारण पत्र में विस्तृत समावेश करने पर प्रकाश डाला गया।
यूनिसेफ के प्रतिनिधि श्री शफकत हुसैन द्वारा प्रस्तुतिकरण के माध्यम से 17 सतत् विकास के लक्ष्यों के एक-दूसरे से जुड़े होने तथा गोल्स, टारगेट्स एवं इंडिकेटर्स के चयन की प्रक्रिया, संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा सतत् विकास लक्ष्य, 2030 के दस्तावेज तैयार करने की प्रक्रिया एवं उसको अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर स्वीकृत करने से सम्बन्धित व्यवस्थाओं की जानकारी दी।
कार्यशाला में भारत सरकार के प्रतिनिधि द्वारा मिलेनियम डवलपमेंट गोल्स तथा सतत् विकास लक्ष्य, 2030 में विहित लक्ष्यों एवं संकेतकों में भिन्नता तथा मंत्रालय, विभागवार निर्धारित किए गए इंडिकेटर्स के सन्दर्भ मंन प्रस्तुतिकरण के माध्यम से प्रतिभागियों को जानकारी दी गई। सभी विभाग इस कार्य को गति प्रदान करने के लिए नोडल अधिकारी तथा फोकल प्वॉइंट की नियुक्ति, राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित इंडिकेटर्स के सन्दर्भ में राज्य स्तर पर प्रभावी किए जाने वाले इंडिकेटर्स का निर्धारण, उपलब्धियों की नियमित समीक्षा, उपलब्ध मेटा डेटा, डेटा सेट्स, उनकी समयबद्धता तथा उसका उप विभाजन स्तर आदि का उल्लेख करते हुए विस्तृत नीति पत्र विभागवार तैयार किए जाने हैं। विभिन्न विभागों से आए प्रतिनिधियों का गोल्स, लक्ष्य, संकेतकवार चर्चा कर इनके द्वारा सूचनाएं संग्रहित करने की व्यवस्था के सन्दर्भ में भी मार्गदर्शन प्रदान किया गया।
उल्लेखनीय है कि सतत् विकास लक्ष्य (एस.डी.जी.) वर्ष 2030 तक वैश्विक स्तर पर विकास के सम्बन्ध में किया गया एक साहसिक एवं सार्वभौमिक समझौता है, जो सबके लिए समान, न्यायपूर्ण और सुरक्षित विश्व की सृष्टि करेगा। सतत् विकास लक्ष्यों की परिकल्पना में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। प्रधानमंत्री का विज़न ’’सबका साथ, सबका विकास’’ व मुख्यमंत्री का विज़न ’’एक स्वस्थ शिक्षित जेण्डर सेन्सेटिव समृद्ध और खुशहाल राजस्थान के साथ-साथ सुदृढ़ आर्थिक इन्फ्रास्ट्रक्चर’’ और राष्ट्रीय एवं राज्य स्तर पर संचालित विभिन्न फ्लैगशिप कार्यक्रम इसमें समाहित हैं।
कार्यशाला में  राष्ट्रीय प्रतिदर्श सर्वेक्षण कार्यालय, उत्तरी अंचल, जयपुर  के उप महानिदेशक श्री एस.एल.मैनारिया, सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय-भारत सरकार के संयुक्त निदेशक श्री अखिलेश कुमार, यूनिसेफ, आयोजना विभाग तथा आर्थिक एवं सांख्यिकी निदेशालय के अधिकारियों के साथ-साथ राज्य के लगभग 72 विभागों के नोडल अधिकारियों द्वारा भाग लिया गया।