

हिंदू शास्त्रों में भगवान कुबेर को धन का देवता माना गया है। कुबेर विश्वश्रवा ऋषि के पुत्र थे और रावण, कुंभकर्ण, विभीषण के सौतेले भाई थे। कुबेर ने हिमालय पर जाकर भगवान शिव की कठोर तपस्या की और उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर भोलेनाथ ने उन्हें अनेक सिद्धियां प्रदान कीं। कलयुग में धन की लालसा के कारण कुबेर की महिमा और भी बढ़ गई है।
आज के युग में धन सर्वापरी हो गया है और इसे प्राप्त करने के लिए लोग मेहनत के साथ ही कुबरे भगवान को प्रसन्न करने के लिए अनेक उपाय करते हैं। अगर आप चाहते हैं की आपको भगवान कुबेर की कृपा प्राप्त हो और आपके घर में कभी भी धन की कमी नहीं हो तो आप रावण संहिता में दिए गए मंत्र का जाप करें। इस मंत्र का जाप शुद्ध होकर पूरी श्रद्धा से करना चाहिए।
अगर आपके अंदर छल, कपट, क्रोध जैसे दुगुर्ण हैं तो उनका त्याग कर दें क्योंकि इन दुगुर्णां के होने से ये मंत्र कारगर सिद्ध नहीं होता है। अतः बालक के समान निश्छल मन लेकर इस मंत्र का जाप करें आपको कुबेर की संपत्ति प्राप्त होगी।
ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवाणाय, धन धन्याधिपतये।
धन धान्य समृद्धि मे देहि दापय स्वाहा ।।
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इस मंत्र का जप करते वक्त धन लक्ष्मी कौड़ी को अपने पास अवश्य रखें, इस मंत्र का नियमित रूप से तीन माह तक जाप करें और तीन माह के जाप के बाद धन लक्ष्मी कौड़ी को अपने तिजोरी मे रख दें।