बीकानेर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को बीकानेर जिले में स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में दो महत्वपूर्ण परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया। उन्होंने पूगल क्षेत्र में अवादा समूह की 1560 मेगावाट पीक सौर ऊर्जा और 2500 मेगावाट-ऑवर बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली (बीईएसएस) परियोजना की आधारशिला रखी। साथ ही श्रीडूंगरगढ़ में 200 मेगावाट (282 मेगावाट पीक) सौर परियोजना का लोकार्पण किया।
दोनों परियोजनाओं में कुल 9,200 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश शामिल है। इनके पूर्ण संचालन से राज्य में 1,600 से अधिक हरित रोजगार सृजित होने और सालाना 20 लाख टन से अधिक कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन में कमी आने का अनुमान है।
परियोजना विवरण
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श्रीडूंगरगढ़ सौर परियोजना : 777 एकड़ में फैली 200 मेगावाट (282 मेगावाट पीक) की यह परियोजना राजस्थान की डिस्कॉम को बिजली आपूर्ति करेगी। इसमें मेक इन इंडिया टॉपकॉन एन-टाइप बाइफेसियल सोलर पीवी मॉड्यूल का उपयोग किया गया है।
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पुगल परियोजना : 4000 एकड़ में फैली यह परियोजना 1560 मेगावाट पीक सौर ऊर्जा और 2500 मेगावाट-ऑवर बीईएसएस क्षमता के साथ देश की सबसे बड़ी है। यह सौर ऊर्जा को संग्रहित कर धूप न होने पर भी बिजली उपलब्ध कराएगी, जिससे ग्रिड की विश्वसनीयता बढ़ेगी।
प्रमुख वक्तव्य
केंद्रीय नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कहा कि यह परियोजना भारत की सबसे बड़ी बीईएसएस है और हरित ऊर्जा आपूर्ति में नए मानक स्थापित करेगी।
राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि राइजिंग राजस्थान के दौरान हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन का इतनी जल्दी परियोजना में बदलना राज्य के लिए उपलब्धि है।
अवादा समूह के अध्यक्ष विनीत मित्तल ने कहा कि ये परियोजनाएँ केवल निवेश नहीं, बल्कि भारत के हरित भविष्य में योगदान हैं।
अवादा समूह
अवादा ग्रुप का वर्तमान परिचालन पोर्टफोलियो पूरे भारत में लगभग 5.7 गीगावाट पीक का है, जिसमें राजस्थान में 2.2 गीगावाट क्षमता पहले से उत्पादन कर रही है। कंपनी नवीकरणीय ऊर्जा, सौर पीवी निर्माण, हरित हाइड्रोजन, डेटा सेंटर, बैटरी भंडारण और पंपयुक्त जलविद्युत परियोजनाओं पर कार्यरत है।

