दवा की तरह पान-मसाला की खरीद-फरोख्त के सिस्टम को दायरें में लाने की तैयारी


जयपुर. प्रदेश में जिस तरह से दवाओं की खरीद-फरोख्त राजस्थान मेडिकल सर्विसेज कॉर्पोरेशन लिमिटेड (आरएमएससी) के जरिए की जा रही है। उसी की तर्ज पर पान-मसाला और गुटखे की खरीद -फरोख्त के सिस्टम को अपनाया जाएगा। प्रोडक्ट की पहले सरकारी या मान्यता प्राप्त लैब में जांच और मापदंडों पर खरा उतरने के बाद ही बाजार में बिक्री के लिए आएगा। इस तरह के सिस्टम के लिए विशेषज्ञों की राय लेकर लागू करेंगे।

चिकित्सा मंत्री डॉ.रघु शर्मा ने कहा कि किसी भी तरह से पान-मसाले व गुटखे की कालाबाजारी नहीं होगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि पान-मसाला और फ्लेवर्ड सुपारी के कन्फ्यूजन को दूर करते हुए कहा कि नमूने लेकर लैब की जांच में खतरनाक निकोटिन, मेग्नीशियम कार्बोनेट और मिनरल ऑयल मिलने पर उस प्रोडक्ट के बैच नंबर पर बाजार में बिक्री, वितरण और स्टोरेज पर रोक लगेगी।

एसएमएस मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ.सुधीर भंडारी ने बताया कि मेडिकल कॉलेज से जुड़े सेटेलाइट सेठी कॉलोनी में 50 बैड से बढ़ाकर 125 कर दिए गए है। जिससे ज्यादा मरीजों को भर्ती कर इलाज किया जा सकेगा। साथ ही यहां पर गंभीर बीमारी से पीड़ित मरीजों के लिए आईसीयू भी जल्द शुरू होगा। डॉ. भंडारी ने बताया कि इस साल पीजी (साइकेट्री) में 5 से बढ़कर 10 और अगले पीजी में 19 सीटें हो जाएगी। जिसका प्रस्ताव बनाकर सरकार के पास भेजा जा चुका है।