

जयपुर। गृह मंत्री श्री गुलाबचंद कटारिया ने राज्य विधि विज्ञान प्रयोगशाला के समस्त रिक्त पदों को यथाशीघ्र भरने के निर्देश दिए हैं। उन्हाेंने विधि विज्ञान प्रयोगशाला में लंबित (साइबर व डीएनए को छोड़ कर) शेष सभी प्रकरण जुलाई माह तक निस्तारित करने के निर्देश दिए।
श्री कटारिया गुरुवार को शासन सचिवालय स्थित अपने कार्यालय में राज्य विधि विज्ञान प्रयोगशाला की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव, गृह श्री दीपक उप्रेती, विशिष्ठ सचिव, गृह श्री मनीष चौहान, राज्य विधि विज्ञान प्रयोगशाला निदेशक श्री बी.बी. अरोड़ा सहित संबंधित अधिकारी मौजूद थे।
गृहमंत्री ने विधि विज्ञान प्रयोगशाला में लंबित प्रकरणों की विस्तार से समीक्षा की। राज्य विधि विज्ञान प्रयोग शाला में मार्च 2018 में कुल 2 हजार 593 मामले जांच के लिए प्रस्तुत किए गए एवं मार्च 2018 में कुल 2 हजार 755 मामलों की जांच की गई । मार्च 2018 तक विधि विज्ञान प्रयोग शाला में कुल 6 हजार 176 मामलाें की जांच लंबित है। उन्होंने विशेष प्रयास कर समस्त लंबित मामलों का निस्तारण करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि साइबर व डीएनए से सम्बन्धित मामलाें को छोड़ कर शेष सभी प्रकरणाें को आगामी तीन माह में निस्तारित कर दिया जाये एवं साइबर व डीएनए से सम्बन्धित जॉच प्रकरणों के निस्तारण में भी तेजी लाई जाये।
श्री कटारिया ने बताया कि अधीनस्थ एवं मंत्रालयिकं सेवा चयन बोर्ड से 18 प्रयोगशाला सहायक एवं 30 कनिष्ठ प्रयोगशाला सहायकों सहित कुल 90 पदों के लिए चयन किया जा चुका है एवं इन्हें नियुक्ति दी जा रही है। सेवा चयन बोर्ड को 29 कनिष्ठ वैज्ञानिक सहायक, 6 प्रयोगशाला सहायक व 6 कनिष्ठ प्रयोग शाला सहायक पदों पर नियुक्ति के लिए लिखा जा चुका है। इसी प्रकार राजस्थान लोक सेवा आयोग को 22 वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारियों के रिक्त पद भरने के लिए अर्थनाएं भेजी जा चुकी है।
गृहमंत्री ने बताया कि साइबर प्रकरणों की बढ़ती संख्या को दृष्टिगत रखते हुए साइबर फोरेंसिक विशेषज्ञों के पद सृजित करने की कार्रवाई की जा रही है। साइबर क्राइम यूि नट्स के सुदृढ़ीकरण के लिए 10 करोड रुपए का बजट एवं 99 पदों के सृजन का प्रावधान किया गया है