

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शनिवार को मोदी सरकार पर सूचना का अधिकार अधिनियम (आरटीआई एक्ट) को कमजोर करने का आरोप लगाया। राहुल ने ट्वीट किया- सरकार ने आरटीआई एक्ट की हत्या कर दी ताकि भारत में भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया जा सके। आमतौर पर भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज बुलंद करने वाली भीड़ अचानक से गायब हो गई है। राहुल का यह बयान तब आया है जब सरकार ने गुरुवार को आरटीआई संशोधन विधेयक को हंगामे के बीच राज्यसभा में पास करा लिया था।
इससे पहले यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी ने केंद्र सरकार पर आरटीआई एक्ट को तोड़ने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा कि सरकार आरटीआई कानून को संशोधित कर सूचना आयोग की आजादी को खत्म करना चाहती है। मौजूदा केंद्र सरकार ऐतिहासिक आरटीआई एक्ट 2005 को तोड़ रही है। यह बहस का मामला है।
Government is diluting RTI in order to help the corrupt steal from India. Strange that the normally vociferous anti-corruption crowd has suddenly disappeared. #GovtMurdersRTI
मत विभाजन पर धांधली का आरोप
राज्यसभा में नाटकीय घटनाक्रम के दौरान गुरुवार काे सूचना का अधिकार (संशोधन) विधेयक ध्वनिमत से पारित हुआ था। इसके साथ ही इस पर संसद के दाेनाें सदनाें की मुहर लग गई। चुनाव में बैलेट से मतदान की मांग करने वाले विपक्षी दलों ने राज्यसभा में आरटीआई बिल को लेकर इलेक्ट्रॉनिक प्रक्रिया से मत विभाजन नहीं होने पर धांधली का आरोप लगाते हुए वॉकआउट किया था।
विपक्ष का प्रस्ताव 117 वोटों से गिरा था
विपक्ष आरटीआई संशाेधन विधेयक को संसद की सिलेक्ट कमेटी को भेजने की मांग कर रहा था। लेकिन इस प्रस्ताव पर विपक्ष को हार का सामना करना पड़ा था। सरकार ने उच्च सदन में बहुमत जुटा लिया। विपक्ष का प्रस्ताव 75 के मुकाबले 117 वोटों से गिर गया। मत विभाजन के लिए मतदान की पर्चियां सदन के स्टाफ के बजाय मंत्री और भाजपा सदस्यों द्वारा बांटने और एकत्रित करने पर विवाद हुआ।