

हाईकोर्ट की पीठ ने विवादित स्थल के 2.77 एकड़ क्षेत्र को सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और रामलला के बीच बराबर-बराबर हिस्से में विभाजित करने का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने पिछली सुनवाई के दौरान इस मामले को बेहद गंभीर बताते हुए कहा था कि पहले हम यह तय करेंगे कि विवादित भूमि पर किसका अधिकार है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि भूमि विवाद का मामला सुलझने के बाद पूजा-अर्चना का अधिकार आदि मसलों पर बाद में सुनवाई होगी।
इस मामले में भाजपा नेता सुब्रह्मणयम स्वामी के कूदने से सरगर्मी बढ़ गई थी। उन्होंने तीन बार पूर्व चीफ जस्टिस जेएस खेहर के समक्ष इस मामले का उल्लेख करते हुए जल्द सुनवाई की गुहार लगाई थी। जिसके परिणामस्वरूप सुप्रीम कोर्ट सात वर्ष से लंबित इस मामले की सुनवाई कर रहा है।
इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले के तमाम पक्षकारों को अदालत के बाहर बातचीत से मसले का हल निकालने की पहल की थी लेकिन यह प्रयास विफल रहा। ऐसे में अब अदालती प्रक्रिया के तहत इसका हल निकाला जाएगा।