

चारा घोटाला से जुड़े चौथे मामले में आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद को 14 साल की सजा सुनाई गई है। इसके साथ ही उन्हें 60 लाख का जुर्माना भी देना होगा। लालू को दो अलग-अलग धाराओं में ये सजा सुनाई गई है। कोर्ट ने लालू को दुमका ट्रेजरी से हुए घोटाले में आईपीसी और पीसी एक्ट की धाराओं के तहत सात-सात साल की सजा और 30-30 लाख का जुर्माना लगाया है। फिलहाल लालू देवघर कोषागार एवं चाईबासा कोषागार मामलों में सजा सुनाये जाने के बाद यहां बिरसा मुंडा जेल में बंद हैं और उन्हें हाईकोर्ट से इन मामलों में अब तक राहत नहीं मिल सकी है।
लालू यादव को दोनों सजा एक-एक कर काटनी होगी
इस केस में लालू यादव को दोनों सजा एक-एक कर काटनी होगी यानि सात साल की सजा काटने के बाद फिर से सात साल की सजा काटनी होगी। आर्थिक जुर्माना न देने की स्थिति में ये सजा दो साल और बढ़ जायेगी। कोर्ट ने लालू यादव को आपराधिक षड्यन्त्र, गबन, फर्जीवाड़ा, साक्ष्य छिपाने, पद के दुरुपयोग आदि से जुड़ी भारतीय दंड संहिता की धाराओं 120बी, 409, 420, 467, 468, 471, 477ए के साथ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत दोषी पाया था। गौरतलब है कि आरजेडी सुप्रीमो को चारा घोटाले के तीन मामलों में पहले ही दोषी करार दिया जा चुका है।
सीबीआइ के जज शिवपाल सिंह ने अचानक 11 बजे सजा का एलान किया
इस मामले में दोपहर दो बजे फैसला आना था, लेकिन सीबीआइ के जज शिवपाल सिंह ने अचानक 11 बजे सजा का एलान कर दिया। वहीं एक अन्य आरोपी अरुण कुमार सिंह को साढ़े तीन साल की सजा सुनायी गई है और 15 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है। उन्होंने 1995 -96 के बीच में बिहार के मुख्यमंत्री रहते हुए इस कोषागार से 3.13 करोड़ की अवैध निकासी की थी। इस मामले में लालू यादव के साथ पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा और 29 अन्य लोग आरोपी हैं।