बिहार: बिहार विधानसभा चुनाव ड्यूटी के लिए जा रहे सीआईएसएफ जवानों की एक बस बुधवार तड़के छपरा-सिवान राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच-531) पर दर्दनाक हादसे का शिकार हो गई। रसुलपुर थाना क्षेत्र के पांडेय छपरा गांव के समीप तेज रफ्तार ट्रक से आमने-सामने की टक्कर में दो दर्जन से अधिक जवान घायल हो गए, जिनमें कई की हालत गंभीर बताई जा रही है।

अंधेरे और धुंध ने बढ़ाई दुर्घटना की आशंका

घटना सुबह लगभग तीन बजे की है, जब घना अंधेरा और हल्की धुंध छाई हुई थी। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, दोनों वाहन काफी तेज गति से थे और विपरीत दिशा से आ रहे थे। ऐसे में नियंत्रण खोने पर बस और ट्रक की आमने-सामने टक्कर हो गई। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि बस का अगला हिस्सा पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया।

ग्रामीणों ने किया तत्काल राहत कार्य

हादसे के बाद घटनास्थल पर चीख-पुकार मच गई। बस में फंसे जवानों को निकालने के लिए आसपास के ग्रामीण सबसे पहले मौके पर पहुंचे। उन्होंने खिड़कियां तोड़कर घायल जवानों को बाहर निकाला। स्थानीय लोगों की सक्रियता ने कई जिंदगियों को समय रहते चिकित्सकीय सहायता तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई।

पुलिस व प्रशासन ने संभाला मोर्चा

घटना की सूचना मिलते ही रसुलपुर थाना की पुलिस मौके पर पहुंची और राहत एवं बचाव कार्य शुरू किया। सभी घायलों को तत्काल एकमा स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद गंभीर रूप से घायल जवानों को छपरा सदर अस्पताल रेफर कर दिया गया। देर रात तक उनका इलाज जारी था।

ट्रक चालक फरार, पुलिस कर रही तलाश

हादसे के बाद ट्रक चालक वाहन को घटनास्थल पर छोड़कर फरार हो गया। पुलिस ने ट्रक को जब्त कर लिया है और चालक की पहचान के प्रयास तेज कर दिए हैं। थाना प्रभारी के अनुसार, प्रारंभिक जांच में तेज रफ्तार को दुर्घटना का मुख्य कारण माना जा रहा है।

चुनाव ड्यूटी पर जा रहे थे जवान

सीआईएसएफ के ये सभी जवान दिल्ली से ट्रेन द्वारा सिवान पहुंचे थे और वहां से बस द्वारा डोरीगंज के लिए रवाना हुए थे। उनकी तैनाती बिहार विधानसभा चुनाव ड्यूटी में होनी थी। दुर्भाग्यवश, रास्ते में यह भीषण दुर्घटना हो गई।

प्रशासन ने दिए हरसंभव सहायता के निर्देश

घटना की सूचना पर जिला प्रशासन और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी छपरा सदर अस्पताल पहुंचे और घायलों के इलाज की व्यवस्था का जायजा लिया। प्रशासन ने सभी जवानों को हरसंभव सहायता देने का आश्वासन दिया है।

विशेष टिप्पणी:

यह दुर्घटना न केवल लापरवाही और तेज रफ्तार के दुष्परिणाम को उजागर करती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि संवेदनशील समय – जैसे चुनाव ड्यूटी के दौरान – सुरक्षा प्रबंधों में चूक कितनी घातक हो सकती है। सवाल उठता है कि क्या जवानों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने के लिए पर्याप्त सतर्कता और सुरक्षा मानकों का पालन किया गया था?

इस घटना की निष्पक्ष जांच आवश्यक है ताकि भविष्य में इस तरह की दुर्घटनाओं से बचा जा सके और सुरक्षा बलों को सुरक्षित वातावरण में अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने का अवसर मिल सके।