

राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ(आरएसएस) ने मंगलवार को कहा कि पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने नागपुर स्थित मुख्यालय में होने वाले एक कार्यक्रम में शामिल होने का निमंत्रण स्वीकार लिया है और इसमें कुछ भी ‘आश्चर्यजनक’ नहीं है।
आरएसएस के नेता नरेंद्र कुमार ने यहां जारी उक बयान में कहा कि मुखर्जी ‘तृतीय वर्ष वर्ग’ के समापन समारोह में मुख्य अतिथि होंगे और ‘स्वयंसेवकों को संबोधित करेंगे।’ आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत समारोह के मुख्य वक्ता होंगे।
बयान के अनुसार, “जो भी संघ को जानते हैं या समझते हैं, यह उनके लिए आश्चर्यजनक या नया नहीं है। यह उनके लिए सामान्य है, क्योंकि आरएसएस प्रसिद्ध लोगों और सामाजिक सेवा से जुड़े लोगों को बुलाता रहता है। इस बार, आरएसएस ने डॉ. प्रणब मुखर्जी को निमंत्रण दिया है और यह उनकी महानता है कि उन्होंने यह निमंत्रण स्वीकार किया है।”
मुखर्जी 2012 में राष्ट्रपति बनने से पहले दशकों तक कांग्रेस से जुड़े रहे थे।
संगठन ने कहा कि 25 दिवसीय ‘तृतीय वर्ष वर्ग’ प्रत्येक वर्ष नागपुर में मनाया जाता है, जिसमें पूरे देश से सदस्य प्रशिक्षण के लिए भाग लेते हैं।
बयान के अनुसार, “इस वर्ष, यह 14 मई को शुरू हुआ था और यह सात जून को समाप्त होगा, जिसमें देश के विभिन्न भागों से 709 स्वयंसेवक अपनी उपस्थिति दर्ज कराएंगे।”
बयान के अनुसार, यहां तक कि महात्मा गांधी ने वर्धा स्थित शिविर का दौरा किया था और बाद में कहा था कि वह संगठन के ‘कड़े अनुशासन, सादगी और भेदभाव की अनुपस्थिति’ से प्रभावित हुए।
पूर्व राष्ट्रपति जाकिर हुसैन, समाजवादी नेता जयप्रकाश नारायण, फील्ड मार्शल के.एम. करियप्पा समेत अन्य हस्तियां भी आरएसएस के समारोह में भाग ले चुकी हैं।