राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) एवं संघ प्रेरित संगठनों की अखिल भारतीय समन्वय बैठक का शुभारंभ शुक्रवार को जोधपुर में हुआ। तीन दिवसीय यह बैठक 5 से 7 सितम्बर तक चलेगी, जिसमें संघ के विविध संगठनों से जुड़े 32 संगठनों के शीर्ष पदाधिकारी भाग ले रहे हैं।

बैठक की शुरुआत भारत माता के चित्र के समक्ष

 पुष्पार्चन और संगठन मंत्र के सामूहिक वाचन के साथ हुई। बैठक के पहले सत्र में संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत और सरकार्यवाह

दत्तात्रेय होसबाले की उपस्थिति रही।

प्रमुख विषय: पंच परिवर्तन, शिक्षा नीति और सामाजिक समरसता

बैठक में इस वर्ष के कार्यों की समीक्षा, अनुभवों का आदान-प्रदान और आगे की दिशा तय करने पर मंथन होगा। प्रमुख चर्चा बिंदुओं में शामिल हैं:

  • पंच परिवर्तन:

    • सामाजिक समरसता

    • कुटुंब प्रबोधन

    • पर्यावरण अनुकूल जीवन

    • स्व आधारित रचना

    • नागरिक कर्तव्यों का पालन

  • संघ शताब्दी वर्ष (2025–26) की पूर्व तैयारियाँ

  • राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के क्रियान्वयन पर विचार

  • जनजातीय क्षेत्रों में सामाजिक विकास की दिशा में किए जा रहे प्रयास

प्रमुख सहभागी

बैठक में संघ के सभी छह सह सरकार्यवाह, विश्व हिंदू परिषद के अध्यक्ष आलोक कुमार, राष्ट्र सेविका समिति की प्रमुख संचालिका शांता अक्का, विद्यार्थी परिषद के अध्यक्ष डॉ. राजशरण शाही, भाजपा अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा, संगठन मंत्री बी.एल. संतोष, वनवासी कल्याण आश्रम के अध्यक्ष सत्येंद्र सिंह, पूर्व सैनिक सेवा परिषद के अध्यक्ष ले. जनरल विष्णु कांत चतुर्वेदी सहित विभिन्न संगठनों के प्रमुख पदाधिकारी भाग ले रहे हैं।

बैठक स्थल की विशेष सज्जा

बैठक परिसर में भारतीय इतिहास की प्रेरणादायी महिलाओं के सम्मान में विशेष सज्जा की गई है। 500 वर्ष पूर्व औपनिवेशिक संघर्ष की प्रतीक रानी अबक्का द्वार और हल्दीघाटी द्वार के माध्यम से सभागार में प्रवेश की रचना की गई है। साथ ही, मीरा बाई और खेजड़ली बलिदान की अमृता देवी को समर्पित रंगोली भी सजाई गई है।

यह समन्वय बैठक 7 सितम्बर को संपन्न होगी। इसके माध्यम से संघ और उससे जुड़े संगठनों के बीच दिशा, समन्वय और साझा रणनीति को लेकर संवाद स्थापित किया जा रहा है, जो आगामी सामाजिक व संगठनात्मक कार्यक्रमों की रूपरेखा तय करेगा।