


जयपुर। राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट ने आरोप लगाया कि प्रदेश की भाजपा सरकार सरकारी उपक्रमों का निजीकरण करने के उद्देश्य से जिस नीति पर काम करी है उससे मुनाफे में चल रही आरटीडीसी और राजस्थान रोडवेज बीते चार वर्षों में घाटे में डूब गई है।
पायलट ने कहा कि प्रदेश के पर्यटन को बढ़ावा देने का दावा करने वाली भाजपा सरकार ने राजस्थान पर्यटन विकास निगम व होटल कोरपोरेशन की सम्पत्तियों को या तो निजी हाथों में दे दिया है या उन्हें बंद कर दिया है।
उन्होंने कहा कि गत् सप्ताह होटल कोरपोरेशन की बेशकीमती सम्पत्तियों जयपुर के खासा कोठी व उदयपुर के आनन्द भवन को लीज पर देने का फैसला कोरपोरेशन के बोर्ड ने कर दिया है। उन्होंने कहा कि जब कांग्रेस की सरकार शासन में थी तब आरटीडीसी मुनाफे में चल रहा था, परन्तु घाटे से उबारने के नाम पर सरकार ने जो नीतिगत फैसले लिये उससे आरटीडीसी की आमदनी 88 करोड़ रूपये से घटकर 54 करोड़ रूपये रह गई है। उन्होंने कहा कि आरटीडीसी का पूरी तरह से निजीकरण करने पर आमदा सरकार ने गत् तीन वर्षों में 50 प्रतिशत स्टॉफ को भी हटा दिया है, इसके बावजूद आरटीडीसी का घाटा बढकर लगभग डेढ़ करोड़ रूपये हो गया है। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार गत् सालों में भाजपा सरकार ने रोडवेज के घाटे को भी बढ़ाने की नीति पर काम किया है और निजी संचालकों को लाभ देने के लिए रोडवेज के किराये में 40 प्रतिशत तक की बढ़ोत्तरी कर दी थी जिससे यात्रियों का भार निजी बसों पर बढ़ गया। उन्होंने कहा कि सरकार अब एक बार फिर 18 प्रतिशत यात्री भार बढ़ाने का प्रस्ताव ला रही है जिससे पहले से ही घाटे में चल रही रोडवेज की कमर टूट जाएगी।
उन्होंने कहा कि लोक कल्याणकारी सरकार का दायित्व है कि मूलभूत सुविधायें न्यूनतम दरों पर आम जनता को उपलब्ध करवाये और उनका संचालन सरकार के द्वारा किया जाए। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने स्वास्थ्य सेवा का पहले ही निजीकरण कर दिया है और अब शिक्षा का भी निजीकरण कर रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार जनहित के साथ समझौता कर जनादेश का उपयोग अपने हित साधने के लिए कर रही है।