राज्य सरकार के 4 वर्ष – लगातार घटे अपराध, प्रदेश ने कायम की मिसाल -गृहमंत्री


जयपुर। गृह मंत्री श्री गुलाब चंद कटारिया ने कहा कि प्रदेश में बेहतर कानून-व्यवस्था और अमन-चैन कायम रखना राज्य सरकार की प्राथमिकता रही है और यह बताते हुए खुशी है कि पुलिस ने इस काम में अभूतपूर्व सफलता अर्जित की है। प्रदेश में हत्या, अपहरण, लूट-डकैती एवं दुष्कर्म जैसे संगीन अपराधों के साथ-साथ पिछले तीन वर्षों में आईपीसी के तहत दर्ज सभी प्रकार के अपराधों में कमी आई हैं, इससे राज्य ने देश में एक मिसाल कायम की है।
श्री कटारिया मंगलवार को राज्य सरकार के चार वर्ष पूर्ण होने पर पुलिस मुख्यालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेन्स में पॉवर प्वाइंट प्रजेन्टेशन के माध्यम से पुलिस विभाग की उपलब्धियों की जानकारी दे रहे थे।श्री कटारिया ने बताया कि भारतीय दण्ड संहिता के अपराधों में वर्ष 2015 में वर्ष 2014 की अपेक्षा 5.86 प्रतिशत की कमी आई, जबकि वर्ष 2016 में वर्ष 2015 की अपेक्षा 8.93 प्रतिशत की कमी आई है। इसी तरह विशेष अधिनियमों के अपराधों में वर्ष 2015 में वर्ष 2014 की अपेक्षा 10.24 प्रतिशत अधिक कार्यवाही की गई, जबकि वर्ष 2016 में वर्ष 2015 की अपेक्षा 10.38 प्रतिशत अधिक कार्यवाही की गई। राज्य में निरोधात्मक कार्यवाही में वर्ष 2015 में वर्ष 2014 की अपेक्षा 11.90 प्रतिशत तथा वर्ष 2016 में वर्ष 2015 की अपेक्षा 11.05 प्रतिशत अधिक की गई।
महिला अत्याचार के मामलों में आई कमी
महिलाओं के प्रति अपराधों पर आंकडे़ प्रस्तुत करते हुए गृहमंत्री ने बताया कि वर्ष 2015 में वर्ष 2014 की अपेक्षा 9.55 प्रतिशत, जबकि वर्ष 2016 में वर्ष 2015 की अपेक्षा 2.58 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई। वर्ष 2003 के अंत में महिला अत्याचार के मामले 12 हजार 178 थे, जो वर्ष 2008 के अंत में 15174 हुए थे, वहीं वर्ष 2009 से 2013 की अवधि में ये 29 हजार 150 हो गए। इन 5 वर्षों के कार्यकाल में महिला अत्याचार 92 प्रतिशत बढ़ गए। हम लगातार इन अपराधों को कम करने का प्रयास कर रहे हैं, जिसके फलस्वरूप गत 4 वर्षों में लगभग  5 प्रतिशत की कमी आयी। अनुसूचित जाति के अपराधों में वर्ष 2015 में वर्ष 2014 की अपेक्षा 12.22 प्रतिशत, वर्ष 2016 में वर्ष 2015 की अपेक्षा 13.13 प्रतिशत तथा अनुसूचित जनजाति के अपराधों में वर्ष 2015 में वर्ष 2014 की अपेक्षा 16.18 प्रतिशत और वर्ष 2016 में वर्ष 2015 की अपेक्षा 15.12 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई।
सरदार पटेल काउन्टर टेरेरिज्म सेन्टर की स्थापना
गृहमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार के ठोस प्रयासों से जयपुर ग्लोबल सेंटर फॉर सिक्यूरिटी एण्ड काउण्टर टेरेरिज्म एण्ड एन्टी इन्सर्जेन्सी की स्थापना के लिये केन्द्र सरकार ने 275 करोड़ रुपये स्वीकृत किये हैं। इसमें केन्द्र सरकार की 165 करोड़ तथा राज्य सरकार की 110 करोड़ रुपये की हिस्सेदारी रहेगी।
समय पर सुनिश्चित की पुलिसकर्मियों की पदोन्नत
श्री कटारिया ने बताया कि विभाग में चार वर्ष के दौरान 12 हजार 764 अधिकारियों व कर्मचारियों को सीधी भर्ती के माध्यम से नियुक्तियां दी गईं, जबकि 708 राज्य कर्मचारियों को अनुकम्पा नियुक्तियां दी गइर्ं। इन चार वर्षों में 14 हजार 327 अधिकारियों व कर्मचारियों को पदोन्नतियां मिलीं। उत्कृष्ट कार्य करने पर वर्ष 2014 में 27, वर्ष 2015 में 35 तथा वर्ष 2016 में 41 अधिकारियों व कर्मचारियों  को विशेष पदोन्नति दी गई।
अभय कमाण्ड सेन्टर की स्थापना 
गृहमंत्री ने बताया कि आमजन को त्वरित प्रभावी पुलिस सहायता एवं सुरक्षा उपलब्ध कराने के लिए 16 मार्च, 2017 को पुलिस आयुक्तालय जयपुर में अभय कमाण्ड सेंटर व कन्ट्रोल रूम का शुभारम्भ किया गया। इसके बाद अजमेर एवं कोटा में भी ये अभय कमाण्ड सेंटर स्थापित किये जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि भीड़ नियंत्रण एवं कानून-व्यवस्था हेतु 10 यूएवी उपलब्ध कराये गये, 3 हजार 598 वाहन क्रय किये गये।
पुलिस कर्मियों के लिए आवास व प्रशासनिक भवनों का निर्माण
श्री कटारिया ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा गत 4 वर्षों में 10 अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक आवास, 28 सी.ओ. आवास, विभिन्न जिला/यूनिटों में 164 अपर एवं 1182 लोअर सब-ऑर्डिनेट आवासीय भवनों के लिए 30236.65 लाख रुपये स्वीकृत किये गये। साथ ही 8 अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, 37 पुलिस उप अधीक्षक कार्यालय, 57 पुलिस थाना/महिला थाना भवन एवं 18 पुलिस चौकियों के प्रशासनिक भवनों का निर्माण करवाया जा रहा है, जिन पर 13 हजार 148 लाख रुपये की स्वीकृति जारी की गई।
नवीन पदों का सृजन
गृहमंत्री ने बताया कि विभाग में 3 पुलिस अधीक्षक, 8 अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, 20 उप पुलिस अधीक्षक, 30 पुलिस निरीक्षक, 117 उप निरीक्षक पुलिस, 40 सहायक उप निरीक्षक, 544 हैड कॉन्स्टेबल, 1 हजार 999 कॉन्स्टेबल एवं 9 कानि0 ड्राईवर के पदों का सृजन किया गया। इसके अलावा एसडीआरएफ बटालियन एवं 25 पुलिस चौकियों का सृजन किया गया। सीआईडी (सीबी) में सोशल मॉनिटरिंग सेल, बम खोजी तथा श्वान दलों का गठन किया।
आरपीए उत्तर भारत की सर्वश्रेष्ठ पुलिस अकादमी 
श्री कटारिया ने बताया कि गृह मंत्रालय ने 24 नवम्बर, 2016 को राजस्थान पुलिस अकादमी को ‘राजपत्रित प्रशिक्षण संस्थान’ श्रेणी में सम्पूर्ण उत्तर भारत की सर्वश्रेष्ठ पुलिस अकादमी घोषित किया है। अकादमी में विभिन्न विषयों पर 183 प्रशिक्षण कोर्स आयोजित कर 7149 पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया गया।
पुलिस विभाग हुआ हाईटेक
श्री कटारिया ने कहा कि पुलिस विभाग तकनीक की दृष्टि से भी काफी मजबूत हुआ है। उन्होंने बताया कि विभाग के वेबपोर्टल पर शुरू किये गये ई-एफआईआर स्टेटस लिंक में 1 लाख 71 हजार 173 व्यक्तियों द्वारा प्रकरणों के स्टेटस की ऑनलाइन जानकारी प्राप्त की गई एवं 1 लाख 89 हजार 248 प्रथम सूचना रिपोर्ट का इन्द्राज वेब पोर्टल पर किया गया है। राज्य के सभी थानों में सीसीटीएनएस के अन्तर्गत ऑनलाइन एफआईआर एवं रोजनामचा आम दर्ज किया जा रहा है। आमजन के उपयोग हेतु ’’राजकॉप सिटीजन एप’ विकसित कर अपराध की रिपोटिर्ंग, किरायेदार/घरेलू नौकर का चरित्र सत्यापन, मुझे सहायता चाहिए, डॉयल 100, महिला हैल्प लाईन एवं वाहन की खोज आदि सुविधाएं प्रदान की गई है।
आपदा में एसडीआरएफ ने लोगों को किया महफूज
श्री कटारिया ने कहा कि राज्य आपदा प्रतिसाद बल द्वारा मानसून सत्र 2016 एवं 2017 के दौरान राज्य के विभिन्न बाढ़ प्रभावित जिलों में 1500 व्यक्तियों को सुरक्षित बचाया गया।  गृहमंत्री ने बताया कि 6 नवम्बर, 2017 को बचाव एवं राहत मद में कुल 565 लाख रुपये बाढ़ राहत के संसाधन जुटाने के लिए एवं 170 लाख रुपये बाढ़ राहत के प्रशिक्षण के लिए स्वीकृत किये गये हैं।
सुधरी जेलों की स्थित
गृह मंत्री श्री कटारिया ने जेल विभाग के बारे में बताया कि केन्द्रीय कारागृह, बीकानेर, भरतपुर, उदयपुर, कोटा, श्रीगंगानगर, जिला कारागृह अलवर, भीलवाडा तथा झालावाड़ में बंदियों की शिक्षा हेतु इग्नू के केन्द्र प्रारम्भ किए गए। राज्य के 9 केन्द्रीय कारागृह एवं 32 अन्य कारागृहों पर सीसीटीवी कैमरे स्थापित किये जा चुके हैं। राज्य की समस्त केन्द्रीय/जिला कारागृहों पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग उपकरण स्थापित कराये गये हैं। केन्द्रीय कारागृह व उच्च सुरक्षा कारागार में 57 जैमर लगाए गए हैं। चार वर्ष में जेलों से मात्र 16 बंदी फरार हुये , जिनमें से केवल एक बंदी की गिरफ्तारी शेष है।
पॉलीग्राफ सेंटर शुरू
गृहमंत्री ने अपराधियों को तीव्रतर सजा दिलाने के लिये राजस्थान में फोरेंसिक सेवा विस्तार की जानकारी भी दी। उन्होंने बताया कि प्रदेश की एफ.एस.एल. यूनिट में 21 फरवरी, 2017 को पॉलीग्राफ सेन्टर का शुभारम्भ किया गया। इस परीक्षण कार्य के लिये पहले गुजरात पर निर्भर रहना पड़ता था। श्री कटारिया ने बताया कि सभी सहायक निदेशक अभियोजन कार्यालयों (जिला मुख्यालय) को ई-लाइब्रेरी की सुविधा उपलब्ध कराई गई तथा 17 नये भवनों को निर्माण भी कराया गया।
श्री कटारिया ने कहा कि प्रदेश में पुलिस के प्रभावी प्रबन्धन से अपराधियों व असामाजिक तत्वों खिलाफ की गई कठोर कार्रवाई, कड़ी निगरानी एवं आम जनता और जनपर्रतिनिधियों के सकारात्मक सहयोग से छुटपुट घटनाओं को छोड़ कर शांति एवं साम्प्रदायिक सौहाद्र्र की स्थिति कायम रही है।