

हिन्दू धर्म में लोग पूजा-पाठ में भरोसा करते हैं। पूजा-पाठ के लिए मंदिर का विशेष महत्व होता है। मंदिर घर में या किसी खास जगह पर बनाया जाता है। मंदिर ऐसी जगह पर बनवाये जंहा ज्यादा सकारात्मक ऊर्जा मिलती है। कुछ लोग घर में ही मंदिर बनवाते हैं। जानते हैं वास्तु के अनुसार पूजा घर की स्थापना के समय कुछ बातों का खास ख्याल होना चाहिए।
-घर में मंदिर ऐसी जगह होना चाहिए जहां पर सूर्य की रोशनी और हवा सही से आती हो। इससे घर की नकारात्मक ऊर्जा खत्म हो जाती है।
-घर पर मंदिर का स्थान बेसमेंट, सीढ़ियों के नीचे या रसोई के ऊपर बना होता है तो उन्हें लाभ कम मिलता है।
-घर बनाये गए मंदिर में भगवान की फोटो के अलावा किसी गुरु या पूर्वज की तस्वीर नहीं होनी चाहिए। इससे अपने इष्ट देव रुष्ट होते है।
-घर बनाये गए मंदिर में एक ही भगवान की दो तस्वीर नहीं होनी चाहिए।
-घर में मंदिर दक्षिण दिशा की ओर नहीं होना चाहिए। दक्षिण दिशा में नकारात्मक उर्जा का प्रभाव अधिक होता है।
-घर बनाये गए मंदिर अपने भगवान की मूर्ति को दीवार से सटाकर नहीं रखना चाहिए।
-घर में पूर्वजों की तस्वीरों को घर की दक्षिण दिशा की दीवार पर ही लगाना चाहिए।
-घर बनाये गए मंदिर वाले कमरें में बेडरूम नहीं होना चाहिए। इसे अशुभ का संकेत माना जाता है।
-घर बनाये गए मंदिर के ऊपर किसी भी प्रकार की चीजों का स्टोर नहीं करना चाहिए।