वोडाफोन के कदम को चुनौती देने वाली केंद्र सरकार की याचिका खारिज कर दी


दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को भारत के खिलाफ दो अंतर्राष्ट्रीय फैसलों को लागू करने के वोडाफोन के कदम को चुनौती देने वाली केंद्र सरकार की याचिका खारिज कर दी। भारत सरकार द्वारा 11 अरब डॉलर के हचिसन अधिग्रहण सौदे में कंपनी से कर की मांग किए जाने के सिलसिले में वोडाफोन ने भारत-ब्रिटेन द्विपक्षीय निवेश संरक्षण समझौता (बीआईपीए) और भारत-नीदरलैंड बीआईपीए के तहत कार्यवाही शुरू की।

वोडाफोन ने भारत-यूके बीआईपीए के तहत मध्यस्थता की पहल की, जबकि भारत-नीदरलैंड बीआईपीए के तहत कार्यवाही लंबित है।

केंद्र सरकार की ओर से उच्च न्यायालय को बताया गया कि वोडाफोन समूह ने एक ही समय में दो अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थताओं की पहल करके कानूनी प्रक्रिया का गलत इस्तेमाल किया है।

केंद्र की याचिका खारिज करते हुए न्यायमूर्ति मनमोहन ने कहा, “वर्तमान मुकदमा व आवेदन को खारिज किया जाता है।”

हालांकि न्यायाधीश ने भारत सरकार को इस मामले को यूके मध्यस्थता अभिकरण के पास उठाने का अधिकार प्रदान किया और कहा कि अभिकरण इस मसले को अदालत के फैसलों के प्रभाव में आए बगैर अपने अनुसार देखेगा।