

कोविंद ने मोती लाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एमएनएनआइटी) के 14वें दीक्षांत समारोह में शुक्रवार को यहां कहा कि बेटियां बेटों से आगे निकल रहीं हैं। उन्होंने उदाहरण दिया कि यहां 49 फीसद स्वर्ण पदक छत्राओं को मिले हैं। उन्होंने शिक्षकों और शिक्षण संस्थानों को अदृश्य सरस्वती नदी की संज्ञा दी। उन्होंने कहा कि त्रिवेणी संगम पर इलाहाबाद में एमएनएनआईटी के दीक्षांत समारोह में आना मेरे लिए गर्व की बात है। उन्होंने कहा कि देश के वह 14वें राष्ट्रपति हैं और 14वें दीक्षांत समारोह में शिरकत करना संगम की प्रेरणा को परलक्षित करता है। यह भी एक संगम ही है।
राष्ट्रपति ने स्वर्ण पदक प्राप्त करने वाले छात्रों को सम्बोधित करते हुए कहा कि उन्हें नौकरी तलाशने वालों के बजाय नौकरी बनाने वाला बनना चाहिए। जीवन जीने के लिए चुने गए रास्ते में सफलता हासिल करने के लिए उन्हें नैतिकता और सिद्धांतों के मार्ग का पालन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि जीवन में आगे बढऩे के लिए लगन, कड़ी मेहनत और विश्वास हो तो कुछ भी हासिल किया जा सकता है। हमें संस्थानों में तकनीकी ज्ञान के साथ-साथ अन्य विषयों के अध्यापन कार्य को भी बढ़ावा देना चाहिए।