

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आधुनिकतम तकनीक के साथ खेती करने पर बल देते हुये कहा है कि इससे देश की समृद्धि और बढेगी। योगी आज यहां आयोजित छह दिवसीय शून्य लागत प्राकृतिक कृषि शिविर के उद्घाटन के अवसर पर बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश कृषि पर निर्भर सबसे बड़ा राज्य है। इस प्रकार की कार्यशाला किसानों को जागरूक करने में मददगार साबित होगी। शून्य लागत प्राकृतिक कृषि, किसान और प्रदेश के लिए महत्वपूर्ण है। इसके माध्यम से भूमि की उर्वरता को अक्षुण्ण बनाए रख सकते हैं। कृषि की इस विधा के माध्यम से कम लागत एवं कम पानी का उपयोग करने के साथ उपज को बढ़ाकर आय बढ़ा सकते हैं। इस तकनीक को समृद्ध करने में गोवंश का सबसे अधिक महत्व है। प्रकृति प्रदत्त गुणों के कारण ही गाय को माता की संज्ञा दी गई है। यह एक अभिनव प्रयोग है
उन्होंने कहा कि खाद्य सुरक्षा एक वैश्विक समस्या है। जमीन घट रही है, जनसंख्या बढ़ रही है, अनाज की पूर्ति के लिए सभी को प्राकृतिक वस्तुओं का उपयोग करना होगा। गांवों का विकास कर ही देश का विकास कर सकते हैं। कृषि से नौजवानों के पलायन को रोकने के लिए है कि परम्परागत खेती को नया स्वरूप प्रदान किया जाए। योगी ने कहा कि कृषि देश में सबसे अधिक रोजगार देने वाला क्षेत्र है। देशी गोवंश को संरक्षित करना सभी की जिम्मेदारी है। इसके लिए सरकार सभी नगर निगमों एवं बुन्देलखण्ड क्षेत्र में गो-अभ्यारण्य बनाने जा रही है। उन्होंने कहा कि कृषि के प्रति लोगों को जागरूक करना होगा। इसके लिये केन्द्र सरकार ने किसानों के लिए स्वायल टेस्टिंग कार्ड बनवाने की दिशा में कार्य किया है। प्रदेश में भी स्वायल टेस्टिंग केन्द्र खोले गए हैं।