मुंबई आतंकी हमले की नौवीं बरसी पर हमले में जान गंवाने वालों को दी श्रद्धांजलि


मुंबई आतंकी हमले की नौवीं बरसी पर आज पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा है कि आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर लड़ने की जरूरत है। वहीं, महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फड़नवीस ने मुंबई आतंकी हमले में जान गंवाने वालों को श्रद्धांजलि दी। 26 नवंबर, 2008 की रात करीब 9.50 बजे शुरू हुए इस आतंकी हमले में 166 लोग मारे गए थे और 300 से ज्यादा घायल हुए थे।

चौकस तो हुई मुंबई, लेकिन बहुत कुछ करना बाकी
छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस के पैसेंजर हॉल में कदम रखते ही नौ साल पहले का मंजर याद आ जाता है। उस समय यहीं दो पाकिस्तानी आतंकी कसाब व इस्माइल लोगों पर एके 56 से गोलियां बरसा रहे थे और हैंडग्रेनेड फेंक रहे थे। ताज होटल, होटल ट्राइडेंट, लियोपोल्ड कैफे और नरीमन हाउस सहित स़ड़क पर चलते कुछ वाहनों को भी आतंकियों ने निशाना बनाया था। चार दिनों तक चली पुलिस कार्रवाई में पाकिस्तान से समुद्र के रास्ते आए 10 में से नौ आतंकी मार गिराया गया था। आतंकियों से लोहा लेते हुए मुंबई पुलिस के तीन जांबाज अधिकारियों सहित कई जवान भी शहीद हुए थे। इस हमले ने मुंबई सहित देश की सुरक्षा एजेंसियों को कई महत्वपूर्ण सबक दिए, जिसका परिणाम है कि 2011 में मुंबई में हुए तिहरे विस्फोटों के बाद से मुंबई ने कोई बड़ा आतंकी हमला नहीं देखा है।

कई आतंकी हमले झेल चुकी है मुंबई देश में सर्वाधिक आतंकी हमले आर्थिक राजधानी मुंबई ने ही देखे हैं। इनकी शुरआत बाबरी विध्वंस के बाद 12 मार्च, 1993 को मुंबई में हुए सिलसिलेवार विस्फोटों से हुई। फिर दो बार लोकल ट्रेनों को निशाना बनाया गया। कई बार बेस्ट की बसों को। तीन बार झवेरी बाजार जैसे भीड़ भाड़ वाले बाजारों को। एक बार गेटवे ऑफ इंडिया को। 26/11 के हमले में पांच ठिकानों पर एकसाथ हमला हुआ। सभी हमलों में भीड़ भाड़ वाले स्थानों को निशाना बनाया गया।

लोग हुए हैं जागरूक: हमलों से उपजे दहशत ने लोगों को भी जागरूक किया है। लोकल ट्रेन में कोई लावारिस बैग दिखते ही अब लोग सचेत हो जाते हैं और पुलिस को सूचना दी जाती है।

अब तक ये हुआ है -समुद्री सीमाओं को सुरक्षित करने के लिए एक दर्जन से अधिक सुरक्षा एजेंसियों में समन्वय स्थापित करने की पहल की गई है।

– राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) का एक केंद्र मुंबई में स्थापित किया गया है। राज्य सरकार ने फोर्स-1 का गठन किया है।

– पूरे मुंबई में पिछले वषर्ष 5000 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए।

– मुंबई पुलिस को और सुरक्षित करने के लिए हाल ही में 5000 बुलेटप्रूफ जैकेट और नाइट विजन दूरबीनों की व्यवस्था की गई है।

ये करना बाकी – मुंबई हमलों के बाद इसकी जांच के लिए बनी राम प्रधान समिति की सिफारिशों पर अमल करते हुए समुद्री सुरक्षा के लिए कई हाईस्पीड बोट खरीदी गई थीं। लेकिन इनमें से ज्यादातर अब खराब पड़ी हैं।

– मछुआरों को ट्रेनिंग एवं परिचयपत्र देने की बात हुई थी। लेकिन अभी तक ट्रेनिंग का माड्यूल ही नहीं बन पाया है।

– मुंबई पर आतंकी हमले के लिए वायुमार्ग का इस्तेमाल होने की आशंका जताई जाती है। लेकिन पुलिस प्रशासन ने ड्रोन नियंत्रित करने की नीति नहीं बनाई।