

वैशाख शुक्ल पक्ष की तृतीया को अक्षय तृतीया कहा जाता है, अक्षय तृतीया के दिन किया गया दान-पुण्य और खरीदी गई वस्तु का कभी क्षय नहीं होता है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार अगर महिलाएं अक्षय तृतीया पर वस्त्र, श्रृंगार का सामान या आभूषण आदि मां लक्ष्मी पर अर्पण करने के बाद पहनती हैं तो उन्हें माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है। वैसे तो इस दिन विवाह आदि कोई भी शुभ कार्य बिना किसी मुहूर्त के भी किया जा सकता है। लेकिन इसके बाद भी इस दिन शुभ मुहूर्त में अगर ये काम किए जाएं तो अत्यंत ही लाभकारी सिद्ध होते हैं।
अक्षय तृतीया पर शुभ योग :-
अक्षय तृतीया पर सूर्योदय से लेकर 14 घंटे 40 मिनट तक सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा। वहीं अक्षय तृतीया पर 71 वर्षों बाद महासिद्धि योग बन रहा है। इसके पहले 1947 में अक्षय तृतीया के दिन कृतिका नक्षत्र का योग बना था। अक्षय तृतीया पर प्रात: 5:40 बजे से रात्रि 8:20 बजे तक महासिद्धि योग और सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा। 1947 में अक्षय तृतीया दिन बुधवार को कृतिका नक्षत्र से युक्त थी और इस बार अक्षय तृतीया पर यह योग 71 साल के बाद बन रहा है।
आइए जानते हैं अक्षय तृतीया के शुभ मुहूर्त के बारे में …..
खरीदारी के लिए श्रेष्ठ मुहूर्तः सुबह 5:56 से आधी रात तक ।
लक्ष्मी पूजन हेतु श्रेष्ठ मुहूर्तः सुबह 5:56 से रात 12:20 तक।
अक्षय तृतीया पूजन का शुभ मुहूर्त = 05:56 मिनट से लेकर दोपहर के 12:20 बजे तक
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