3 साल बाद बन रहा है ऐसा संयोग


धार्मिक ग्रंथों में ऐसा बताया गया है कि पद्मिनी एकादशी के महत्व के बारे में श्रीकृष्ण ने अर्जुन को बताया था।. मलमास में अनेक पुण्यों को देने वाली एकादशी का नाम पद्मिनी है। इसका व्रत करने पर मनुष्य कीर्ति प्राप्त करके बैकुंठ को जाता है, जो मनुष्‍यों के लिए भी दुर्लभ है।

शुभ मुहूर्त
एकादशी तिथि शुरु: 24 मई 2018 को शाम 06:18 बजे
एकादशी तिथि समाप्त: 25 मई 2018 को शाम 05:47 बजे तक
पारण का समय: 26 मई को सुबह 05:29 से 08:13 बजे तक।

पूजा विधि
शास्त्रों में एकादशी के दिन व्रत रखने की परंपरा है। अतः जो लोग व्रत रखना चाहते हैं, वे आज के दिन सुबह स्नान आदि के बाद साफ कपड़े पहनकर व्रत का संकल्प लें और विधि-पूर्वक भगवान की पूजा करें। जो लोग व्रत नहीं भी रख रहे हैं, उन्हें भी अपनी इच्छाओं की पूर्ति के लिये आज के दिन भगवान विष्णु की पूजा जरूर करनी चाहिए। इसके लिये सबसे पहले तुलसी दलों से भगवान की पूजा करनी चाहिए। फिर चन्दन का टीका लगाना चाहिए और कोई एक मौसमी फल भगवान को अर्पित करना चाहिए।

आज के दिन इस प्रकार श्री विष्णु की पूजा करने से आपकी जो भी इच्छा होगी, वह जरूर पूरी होगी। इसके साथ ही अगर संभव हो तो पूजा आदि के बाद किसी ब्राह्मण को भोजन जरूर कराना चाहिए और उनके पैर छूकर आशीर्वाद लेना चाहिए। इससे आपकी दिन-दुगनी, रात-चौगनी तरक्की होगी।